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बिहार कांग्रेस के जिलाध्यक्षों के साथ राहुल गांधी बनाएंगे चुनावी रणनीति, कल दिल्ली में होगी बैठक

ByLuv Kush

अप्रैल 3, 2025
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यही कारण है कि नए प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी के बाद सभी जिलों में जिला अध्यक्षों का चयन किया गया है. बिहार के 38 जिलों में जिला अध्यक्ष का चयन किया गया है. सभी जिला अध्यक्ष शुक्रवार को पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे.

आज दिल्ली रवाना होंगे सभी जिलाध्यक्ष: बिहार में कांग्रेस पार्टी संगठन को नई धार देने के लिए 40 जिलाध्यक्ष और कार्यकारी अध्यक्ष का चयन किया है. 1 अप्रैल की देर रात ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जेनरल सेक्रेटरी के सी वेणुगोपाल ने सभी जिलाध्यक्षों के चयन का पत्र जारी किया था. आज नवनियुक्त सभी जिला अध्यक्ष दिल्ली रवाना होंगे, 4 अप्रैल को सभी जिला अध्यक्ष की बैठक राहुल गांधी के साथ होगी. जिसमें आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी की तैयारी पर चर्चा की जाएगी.

ईटीवी भारत ने दी थी जानकारी: 4 अप्रैल को कांग्रेस के सभी जिला अध्यक्षों के साथ राहुल गांधी की बैठक होने वाली है, इसकी सबसे पहले जानकारी ईटीवी भारत ने 29 मार्च को ही दे दी थी. बिहार कांग्रेस के सह प्रभारी सुशील पासी ने से ईटीवी भारत में खास बातचीत की थी, उसी में उन्होंने जानकारी दी थी कि 4 अप्रैल को राहुल गांधी के साथ बिहार के सभी जिला अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के सभी जिला अध्यक्षों की बारी-बारी से बैठक होने वाली है.

डीडीसी की अहम भूमिका: बिहार में विधानसभा का चुनाव इसी साल होना है. इस चुनाव में पार्टी के प्रत्याशियों के चयन में अब डीडीसी यानी जिला कांग्रेस कमेटी की अहम भूमिका होगी. जिला कांग्रेस कमेटी की अनुशंसा पर ही विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया पूरी होगी.

जिला स्तर पर संगठन की मजबूती का प्रयास: वरिष्ठ पत्रकार सुनील पांडेय का कहना है कि बिहार में कांग्रेस पिछले 25 वर्षों से आरजेडी के साथ मिलकर राजनीति करती आ रही है. आरजेडी पर आत्मनिर्भरता के कारण कांग्रेस का जिला स्तर का संगठन कमजोर होता गया. अभी कांग्रेस अपनी पार्टी को फिर से मजबूती प्रदान करने में लगी हुई है. यही कारण है कि प्रभारी से लेकर प्रदेश अध्यक्ष और नए कांग्रेस जिला अध्यक्षों की नई टीम तैयार की गई है.

क्या बिहार में मजबूत हो पाएगी कांग्रेस?: सुनील पांडेय के मुताबिक राहुल गांधी चाहते हैं कि बिहार में कांग्रेस अपने पुराने जनाधार दलित, सवर्ण और अल्पसंख्यक को फिर से पार्टी से जोड़ सके. यही कारण है कि जिलाध्यक्षों के चयन में कास्ट कॉन्बिनेशन को ध्यान में रखा गया है. उनका कहना है कि संगठन की मजबूती का कांग्रेस प्रयास कर रही है लेकिन यह इतना आसान नहीं. वे कहते हैं कि किसी भी पार्टी में युवा वर्कर का अहम रोल रहता है लेकिन दुर्भाग्य है कि कांग्रेस के साथ यूथ कनेक्ट नहीं हो पा रहा है. जब तक कांग्रेस के साथ यूथ कनेक्ट नहीं होगा, तब तक संगठन में मजबूती आसान नहीं होगी.

“बिहार में कांग्रेस को दोबारा से मजबूत करने के लिए राहुल गांधी हाल के दिनों में गंभीर दिखे हैं. वह लगातार फैसले भी ले रहे हैं लेकिन यह इतना आसान नहीं है. अभी भी कांग्रेस से नौजवान नहीं जुड़ पा रहे हैं. ऐसे में बहुत काम करना होगा.”- सुनील पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार

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