Voice Of Bihar

खबर वही जो है सही

राहुल गांधी की सभा…खाली कुर्सियों को लाइव भाषण सुना रहे थे, नहीं आई पब्लिक…हॉल के बाहर की सच्ची तस्वीर देखिए

ByLuv Kush

फरवरी 5, 2025
IMG 0683

राहुल गांधी आज पटना पहुंचे थे. एस.के.एम हॉल में आयोजित स्व. जगलाल चौधरी जयंती समारोह में शिरकत किया. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की सभा को लेकर जबरदस्त तैयारी की गई थी. 1800 की क्षमता वाले श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल को बुक किया गया था. अधिक भीड़ होने पर मीटिंग हॉल के बाहर से भी भाषण सुनने की व्यवस्था की गई थी. बजाप्ता बड़े स्क्रीन वाले टीवी लगाए गए थे, लोगों के बैठने के लिए कुर्सियां लगाई गई थीं. राहुल गांधी जब सभा हॉल में पहुंचे, तो बड़ी मुश्किल से एस.के. एम हॉल भर सका. बाहर की बात तो छोड़ ही दीजिए.

खाली कुर्सियों को राहुल गांधी का लाईव भाषण सुनाया जाता रहा 

राजधानी के एसकेएम हॉल के बाहर राहुल गांधी का भाषण सुनने के लिए जो कुर्सियां लगाई गई थीं, वो खाली ही रह गई. सामने टीवी स्क्रीन पर राहुल गांधी के भाषण का लाईव प्रसारण होते रहा, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं थी. टीवी के सामने जितनी भी कुर्सियां लगी थीं, उस पर एक भी आदमी नहीं बैठा था. इस तरह से खाली कुर्सियों के बीच राहुल गांधी का भाषण टीवी के माध्यम से लाईव प्रसारित किया जा रहा था.

राहुल गांधी को जगलाल चौधरी का नाम ही याद नहीं रहा 

एस.के.एम हॉल में आयोजित स्व. जगलाल चौधरी की जयंती समारोह में राहुल गांधी ने अपना संबोधिन शुरू किया. इसी दौरान भारी गलती कर दी. वे जिस दलित समाज के नेता की जयंती समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे, उनका नाम ही याद नहीं था.राहुल गांधी ने स्व. जगलाल चौधरी को जगत चौधरी कहकर संबोधित किया. एक बार-दो बार-तीन बार जगत चौधऱी कहा. सामने बैठे लोग दो बार चुप रहे, राहुल गांधी ने जैसे ही तीसरी दफे जगत चौधरी कहा, तभी सामने बैठे लोगों ने तेज आवाज लगाई. जगत चौधरी नहीं..जगलाल चौधरी हैं. तब राहुल गांधी संभले और कहा-सॉरी. इसके बाद स्व. जगलाल चौधरी कहकर संबोधित किया.

4 फरवरी 1895 को जन्म लिए थे जगलाल चौधरी 

स्वतंत्रता सेनानी जगलाल चौधरी का जन्म 5 फरवरी 1895 को सारण जिले के गड़खा प्रखंड के मीटेपुर गांव में हुआ था. शुरूआती पढ़ाई गांव में हुई. इसके बाद इन्होंने वर्ष 1914 में पटना कॉलेज, पटना, से आईएससी की परीक्षा पास की. फिर कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया. जब जगलाल चौधरी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के अंतिम वर्ष में थे तो उन्होंने महात्मा गांधी के आह्वान पर पढ़ाई बीच में छोड़कर स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े. उन्होंने 1921 के असहयोग आन्दोलन में भी बड़ी भूमिका निभाई थी.

स्वतंत्रता आंंदोलन में बेटे को गवां बैठे थे जगलाल चौधरी 

19 अगस्त, 1942 के स्वतंत्रता आंदोलन में भीड़ ने डाक खानेपर हमला किया था. गड़खा, दरौली (सीवान) तथा कटेया (गोपालगंज) के डाकघर और थाना पर भीड़ ने धावा बोला था. 22 अगस्त को सैनिक टुकड़ी ने आन्दोलनकारियों पर गोलियां चलाई, जिसमें गड़खा में दो व्यक्ति शहीद हुए थे.  जिसमें से एक जगलाल चौधरी के पुत्र इन्द्रदेव चौधरी भी थे. इसके अगले ही दिन 23 अगस्त को जगलाल चौधरी को पुलिस ने वसंतपुर नामक स्थान में गिरफ्तार कर लिया गया था.

जगलाल चौधरी का 9 मई, 1975 को हुआ निधन 

आजादी के बाद जगलाल चौधरी 1952 के आम चुनाव लड़े और गरखा (सारण) सुरक्षित सीट से 1957, 1962, 1967, 1969 के चुनावों के विधान सभा के लिए चुने गए. इनका निधन 9 मई, 1975 को हो गया. इनके सम्मान में भारत सरकार ने वर्ष 2000 में एक डाक टिकट जारी किया.1970 में छपरा में जगलाल चौधरी कॉलेज की स्थापना हुई. 5 फरवरी 2018 को जगलाल चौधरी की आदमकद प्रतिमा पटना के कंकड़बाग में लगी, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अनावरण किया था.

..तब जगलाल चौधरी ने 5 जिलों में लागू की थी मद्यपान निषेध   

ब्रिटिश सरकार ने 1937 में प्रांतीय स्वायत्तता की बात की. तब ग्यारह भारतीय प्रांतों में चुनाव कराना निश्चित हुआ.चुनाव में बड़ी सफलता मिलने के बाद बम्बई, मद्रास, बिहार, उड़ीसा सहित आठ प्रांतों में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी। 20 जुलाई, 1937 को श्रीकृष्ण सिंह मुख्यमंत्री बने. श्री बाबू की अगुवाई वाली सरकार में अनुग्रह नारायण सिंह, सैयद महमूद तथा जगलाल चौधरी मंत्री बने. जगलाल चौधरी पहले दलित थे, जो मंत्री बनने में कामयाब हुए. जगलाल चौधरी ने 20 जुलाई 1937 को आबकारी और लोक स्वास्थ्य विभाग के कैबिनेट मंत्री का पदभार ग्रहण किया. आबकारी विभाग मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल संक्षिप्त लेकिन यादगार रहा. उन्होंने इस दौरान कड़े निर्णय लिए. आबकारी मंत्री के रूप में इन्होंने 6 अप्रैल 1938 को राज्य के चुनिन्दा जिलों में शराबबन्दी की घोषणा की. ये जिले थे…सारण, मुजफ्फरपुर, हजारीबाग, धनबाद और रांची,जहां मद्यपान निषेध को लागू किया गया. बिहार में व्यक्तिगत सत्याग्रह 28 नवम्बर, 1940 से प्रारम्भ हुआ. बिहार मंत्रिमंडल द्वारासे त्यागपत्र देने के बाद जगलाल चौधरी ने


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Submit your Opinion

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading