रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा हर साल दो करोड़ नौकरियों का लक्ष्य पूरा हो रहा है:अनुपम ने दी खुली बहस की चुनौती
केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में रोज़गार पर दिए अपने बयान से हंगामा मचा दिया है। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार की नीतियों के कारण हर साल दो करोड़ नौकरियों का लक्ष्य पूरा होता दिख रहा है। रेलमंत्री के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया आ रही है क्योंकि ज्यादातर आंकड़ें उनके इस दावे को झुठलाते हैं। विशेष तौर पर युवाओं में मंत्री पर बयान पर खासा आक्रोश देखा जा रहा है।
देश में रोज़गार को राजनीतिक विमर्श में लाने वाले राष्ट्रीय युवा नेता अनुपम ने रेलमंत्री के बयान को भ्रामक बताते हुए उन्हें खुली बहस की चुनौती दे दी है। अनुपम ने कहा कि अगर रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव अपने तर्कों से सहमत कर लेंगे तो वो देश भर में घूम घूम कर सरकार की इस उपलब्धि के बारे में जनता को बताएंगे। साथ ही, अगर मंत्री जी अपने बयान की पुष्टि नहीं करवा पाते तो देश से माफी मांगे। अनुपम ने कहा कि पूरा देश जानता है कि सालाना दो करोड़ रोज़गार का वादा जुमला साबित हुआ है। रोज़गार देना तो दूर की बात, मोदी सरकार के कार्यकाल में बड़े पैमाने पर रोज़गार नष्ट हुए हैं।
एनएसएसओ से लेकर सीएमआईई तक के आंकडें देश में भीषण बेरोज़गारी की पुष्टि कर रहे हैं। देश भर से आ रही आत्महत्या की खबरें भी इस बात का गवाह हैं कि अजीविकि और रोज़गारनके अभाव में युवा आज कितने हताश और निराश हो रहे हैं। हाल ही में आयी एनसीआरबी की रिपोर्ट ने बताया कि वर्ष 2019 से लेकर 2022 तक में ही पैंतीस हजार से अधिक छात्रों ने खुदकुशी की है। साल दर साल आत्महत्या की खबरों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। छात्र युवा ही नहीं, दिहाड़ी मजदूरों से लेकर खेतिहर मजदूरों तक में आत्महत्या की घटनाएं बढ़ी हैं।
अनुपम ने कहा कि दुनिया के सबसे युवा देश का युवा आज आत्महत्या कर रहा है। लेकिन युवाओं के समर्थन से सत्ता में आए लोग आज भी समाधान निकालने की बजाए आँखों पर धूल झोंकने का काम कर रहे हैं। लोकसभा में रेलमंत्री का बयान इसी राजनीतिक योजना का हिस्सा है।
अनुपम ने कहा कि रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव यदि अपने इस बयान को तर्कों और तथ्यों के आधार पर सही साबित नहीं कर सकते तो यह निंदनीय है। लोकतंत्र के मंदिर में शीर्ष पदों पर बैठे ज़िम्मेदार लोग जब राजनीति से ओरेरित होकर झूठ का सहारा लेते हैं तो यह पूरे देश के लिए चिंता का विषय होना चाहिए।
‘संयुक्त युवा मोर्चा’ के नेता अनुपम ने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से यह भी पूछा कि अनर्गल बयानबाजी करने की बजाए वो कम से कम अपने विभाग में नौकरियों के हालात तो ठीक कर लें। पिछले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले फरवरी 2019 में निकली रेल भर्तियों में अब जाकर नियुक्ति दी जा रही हैं। उसके बाद से रेलवे में कोई भर्ती नहीं निकली जबकि लाखों पद रिक्त पड़े हैं। अभ्यर्थी लगातार नए विज्ञापन की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार पर इसका कोई असर नहीं दिखता। मंत्री जी को संसद में खड़े होकर भ्रामक बयानबाजी करने की बजाए रेलवे भर्ती के इन मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।
अनुपम ने कहा कि बेरोज़गारी आज राष्ट्रीय आपदा के रूप ले चुकी है और इसलिए ‘युवा हल्ला बोल’ इस विषय पर एक सकारात्मक देशव्यापी आंदोलन की तैयारी कर रहा है। सरकार को ईमानदारी से सोचना चाहिए कि जिन युवाओं ने बेहतर भविष्य के वादे पर दिल खोलकर उनका समर्थन किया, उन्हें अंततः क्या मिला है। समाज में जाति और धर्म के नाम पर फैल रहे उन्मादी हिंसा में आज अग्रणी भूमिका उन्हीं बेरोज़गार युवाओं की है। यह सोचने की ज़रूरत है कि बेरोज़गारी आज हर सामाजिक समस्या की जड़ में है। चाहे बढ़ता नशा हो, आत्महत्या की घटनाएं हों, अपराध या जाति धर्म के नाम पर उन्माद। इन सबके केंद्र में बेरोज़गार युवाओं की उद्देश्य विहीन अनियंत्रित भीड़ है। अनुपम ने कहा कि बेहतर समाज और सशक्त देश बनाने के लिए आज सबसे ज्यादा आवश्यक है कि युवाओं को शिक्षा, कौशल और रोज़गार के अवसर मिले। राष्ट्रनिर्माण के इसी मक़सद को पूरा करने में आज अनुपम के नेतृत्व में ‘युवा हल्ला बोल’ की टीम जुटी हुई है।
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