पहली बरसात ने ही नवादा में स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है. सदर अस्पताल के मुख्य पथ से लेकर अस्पताल परिसर स्थित दवा काउंटर, एक्सरे रूम और कई वार्ड पानी में डूब गए हैं. जिससे आम मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जलजमाव के कारण अस्पताल कर्मी अब मरीज को स्ट्रेचर भी उपलब्घ नहीं करा पा रहे हैं. जिसके बाद मरीज के परिजन मरीजों को कंधे पर उठाकर इधर से उधर जांच और इलाज के लिए ले जा रहे हैं।
पहली बरसात ने बिगाड़ी अस्पताल की सूरत: बताया जा रहा है कि सोमवार की देर रात से लगातार बारिश की वजह से परिसर के दवा काउंटर, एक्सरे का कमरा, ओपीडी, नशा मुक्ति वार्ड और सिविल सर्जन कार्यालय के पास जल जमाव हो गया. बारिश का पानी दवा काउंटर, एक्सरे कमरा और ओपीडी में भर गया, जिससे इलाज कराने आए मरीजों को परेशानी हो रही है. हालांकि ओपीडी में पानी भरने के बाद डॉक्टरों ने इमरजेंसी वार्ड में जाकर मरीजों का इलाज शुरू किया है. दवा काउंटर में पानी भरने से कई दवा भी खराब हो गई है।
स्ट्रेचर के अभाव में कंधे पर मरीज: सदर अस्पताल परिसर में जलजमाव के कारण मरीजों को काफी परेशानी हुई. जलजमाव देखकर मरीज को इधर-उधर ले जाने के लिए स्ट्रेचर तक उपलब्द्ध नहीं कराया गया. जिले के नरहट थानाक्षेत्र के बड़ी पाली ग्राम से अपनी बेटी का इलाज कराने आए अकील आलम ने कहा कि उनकी बेटी छत से गिर गय ,जिससे उसका पैर फ्रेक्चर हो गया. जब वो इलाज कराने सदर अस्पताल पहुंचे तो पूरे अस्पताल परिसर में बरसात का पानी जमा हुआ था।
“अस्पताल कर्मी द्वारा मरीज को ले जाने के लिए स्ट्रेचर नहीं दिया गया, जिसके कारण अपनी बच्ची को खुद कांधे पर लेकर जलजमाव के बीच इलाज के लिए इधर- उधर जाना पड़ रहा है.”-अकील आलम, मरीज के परिजन
अस्पताल परिसर की लापरवाही: स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि अस्पताल परिसर में दो सोखता का निर्माण कराया गया था, लेकिन गुणवत्ता को ताक पर रखकर सोखता बनाया गया. अस्पताल परिसर में बाहर नाली का पानी हमेशा आता रहता था. इस समस्या के समाधान के लिए दो सोखता का निर्माण कराया गया. इसके अलावा अस्पताल परिसर में नाली का निर्माण भी कराया गया।
“सोखता एवं नालियों का निर्माण होने से परिसर में जलजमाव की समस्या उत्पन्न नहीं होगी. बावजूद इसमें लाखों खर्च करने के बाद समस्या बरकरार है.”- श्रवण कुमार, एक्सरे स्टाफ