पटना। राजीव नगर थाना कांड संख्या 613/22 में की गई अवैध पुलिस कार्रवाई को लेकर पुलिस मुख्यालय ने बड़ी कार्रवाई की है। गलत तरीके से जप्ती सूची बनाने, अवैध रूप से मोबाइल जब्त करने और बिना किसी पुख्ता साक्ष्य के आरोप पत्र दायर करने के आरोप में राजीव नगर थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष समेत कुल 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है।
यह कार्रवाई आवेदक विनोद कुमार सिंह, निवासी राजीव नगर, पटना द्वारा पुलिस महानिदेशक, बिहार को समर्पित एक आवेदन के आधार पर की गई जांच के उपरांत की गई है। वर्ष 2022 में दर्ज उक्त कांड में संदेह के आधार पर 1 मोटरसाइकिल और 2 मोबाइल फोन जब्त किए गए थे, साथ ही 3 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद आवेदक की दुकान पर छापेमारी कर उनके पुत्र को भी गिरफ्तार किया गया और बिना जप्ती सूची बनाए बड़ी संख्या में मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए।
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि जब्त किए गए मोबाइलों में से 5 कीमती मोबाइल पुलिसकर्मियों द्वारा अवैध रूप से रखे गए, जबकि केवल 3 मोबाइल की जप्ती सूची बनाकर शेष मोबाइल वापस कर दिए गए। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि न तो मोटरसाइकिल और 2 मोबाइल के संबंध में कोई विधिसम्मत अनुसंधान किया गया और न ही जिन 3 मोबाइलों की जप्ती दिखाई गई, वे चोरी के पाए गए। बावजूद इसके, आवेदक के पुत्र सहित सभी आरोपितों के विरुद्ध बिना किसी भी ठोस साक्ष्य के आरोप पत्र समर्पित कर दिया गया।
पुलिस मुख्यालय ने इस कार्रवाई को गंभीर लापरवाही और विधि-विरुद्ध मानते हुए तत्कालीन अंचल निरीक्षक गौतम कुमार, थानाध्यक्ष नीरज कुमार, वादी पदाधिकारी शंभु शंकर सिंह, अनुसंधानकर्ता श्याम नारायण सिंह सहित कुल 10 पुलिसकर्मियों — अनिल कुमार, ब्रज किशोर प्रसाद, हरिशचंद्र सिंह, प्रभाश कुमार पासवान, ओमप्रकाश और चालक बालकिशोर यादव — को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है।
यह मामला एक बार फिर से पुलिस कार्यप्रणाली की पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।