भागलपुर के पीरपैंती में बनने वाले 2400 मेगावाट बिजली घर को झारखंड के राजमहल से कोयला देने पर केंद्र सरकार ने मुहर लगा दी है। अब बिजली कंपनी पर्यावरणीय स्वीकृति लेने की प्रक्रिया में जुट गयी है। इसके बाद इसका टेंडर जारी होगा। पांच साल में इस परियोजना से बिजली उत्पादन का लक्ष्य है।
केंद्र ने बिजली घर बनाने से पहले उसकी तकनीकी संभाव्यता का पता लगाने के लिए बिहार को निर्देश दिया था। उसी के आलोक में बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड ने एक एजेंसी से पीरपैंती बिजली घर की प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करवाई थी। एजेंसी मेसर्स डेजिन प्राइवेट लिमिटेड ने पीरपैंती में 800 मेगावाट की तीन इकाई बनाने पर मुहर लगाई थी। इसके बाद इस केंद्र से कोल लिंकेज की मांग की गई थी। हाल ही में बिहार के ऊर्जा सचिव पंकज पाल ने दिल्ली में संबंधित मंत्रालय के अधिकारियों से इस मसले पर बातचीत की। इसके बाद केंद्र ने राजमहल से कोल लिंकेज देने की सहमति दे दी। राजमहल से 2029 से 60 मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन होने लगेगा। यहां 12 मीट्रिक टन ही कोयले की जरूरत है।