हिन्दू धर्म में भद्रा काल में कोई भी मांगलिक और शुभ काम नहीं किया जाता है। भद्रा भगवान शनिदेव की बहन और भगवान सूर्य की पुत्री है। इसे शनिदेव से भी खतरनाक माना गया है, क्योकि इसकी अशुभ दृष्टि बने बनाए काम को बिगाड़ सकती है, व्यक्ति की जिंदगी को नर्क के समान बना सकती है। इसलिए शास्त्रों में कहा गया है कि में भद्रा काल में कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, इससे बचकर रहना चाहिए।
रक्षा बंधन 2024 पर भद्रा की अशुभ साया
साल 2024 में रक्षा बंधन सोमवार 19 अगस्त को मनाया जाएगा। भाई-बहन के अटूट विश्वास और प्रेम के प्रतीक के इस त्योहार पर भद्रा की अशुभ साया मंडरा रही है। बहनों को भद्रा काल में अपने भाइयों को राखी नहीं बांधनी चाहिए, अन्यथा यह अशुभ प्रभाव डाल सकती है, जो भाइयों के जीवन के लिए खतरा बन सकती है।
कब से तक है भद्रा?
भद्रा शनिदेव की तरह ही खतरनाक है। 19 अगस्त को भद्रा सुबह से शुरू हो जाएगी और दोपहर बाद खत्म होगी। जहां तक समय की बात है, तो यह सुबह में 5 बजकर 52 से मिनट से आरंभ होकर दोपहर बाद 1 बजकर 32 मिनट तक है। इस बीच में राखी नहीं बांधनी चाहिए।
रक्षा बंधन 2024: राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
19 अगस्त, 2024 को राखी बांधने का शुभ 1 बजकर 33 से आरंभ हो रहा है, जो शाम के 9 बजकर 7 मिनट तक है। लेकिन इसी तारीख को शाम में पंचक की शुरुआत भी हो रही है। हिन्दू धर्म में पंचक के शुरू होने पर भी कोई शुभ काम नहीं किया जाता है।
भद्रा बचने के लिए लें भद्रा के 12 नाम
हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार भद्रा के अशुभ असर से बचने के लिए उसके 12 नामों का जाप कर लेना चाहिए। इससे भद्रा प्रसन्न हो जाती है। भद्रा के ये 12 नाम हैं:
1. धन्या, 2. दधिमुखी, 3. भद्रा, 4. महामारी, 5. खरानना, 6. कालरात्रि, 7. महारूद्रा, 8. विष्टिकरण, 9. कुलपुत्रिका, 10. भैरवी, 11. महाकाली और 12. असुरक्षयकरि।
अगर इस दिन कैसी भी भूल हो जाए, तो इस दिन भद्रा के ये 12 नाम अवश्य ले लेना चाहिए। इससे भद्रा के अशुभ असर से मुक्ति मिल जाती है। मान्यता कि भद्रा के इन 12 नामों का स्मरण, उच्चारण और पाठ करने से सारे कार्य सफल हो जाते हैं।