बिहार सहित पूरे देश भर में आज धूमधाम से भाई-बहन का पर्व मनाया जा रहा है. सुबह से ही बहनों ने राखी की तैयारियां शुरू कर दी है. भाइयों की आरती उतारी गई है माथे पर तिलक लगाया गया है और फिर हाथ में रेशम का धागा बांधकर बहनों ने अपनी भाइयों की लंबी आयु की कामना की है. रक्षाबंधन के दिन आज हम आपको एक स्पेशल स्टोरी बताने जा रहे हैं. यह एक भाई और बहन की कहानी है. भाई पहले यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस अफसर बनता है. बाद में बहन को जी जान लगाकर पर आता है और उसे भी अफसर बना देता है।
अफसर बने भाई ने बहन को दिन-रात पढ़ाया…और पहली बार में ही UPSC क्रैक कर IAS बन गई अर्तिका : काशी की अर्तिका पढ़ाई में हमेशा से अव्वल आती थीं। चाहे स्कूल हो या कॉलेज उनका नाम टॉपर्स लिस्ट में ही रहता था। पर ऐसे बैकग्राउंड की अर्तिका ये भी मानती हैं कि इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कैसे स्टूडेंट रहे हैं या आपका बैकग्राउंड कैसा रहा है? जब आप यूपीएससी की तैयारी करना चुनते हैं तो चाहे कोई भी हो शुरुआत जीरो से ही करनी होती है।
अर्तिका वाराणसी की रहने वाली हैं जो अपने करियर के बाद के दिनों में शिक्षा के लिए दिल्ली शिफ्ट हो गयीं। उनके घर में पिता बृजेश शुक्ला जोकि डॉक्टर हैं, मां लीना शुक्ला जोकि होममेकर हैं और दो बड़े भाई गौरव शुक्ला और उत्कर्ष शुक्ला हैं।
अर्तिका के दोनों भाइयों ने भी यूपीएससी परीक्षा पास की है। सबसे बड़े भाई गौरव आईएएस ऑफिसर हैं जिन्होंने साल 2012 में यूपीएससी परीक्षा पास की। दूसरे भाई उत्कर्ष भी यूपीएससी पास करके आईआरटीएस में ऑफिसर हैं।
अर्तिका ने साल 2014 में यूपीएससी के लिए प्रिपरेशन शुरू की और वे अपने साक्षात्कार में ये कहती भी हैं कि ठीक से तैयारी की जाए तो एक साल काफी है। प्री और मेन्स के लिए उन्होंने साथ में प्रिपेयर करना शुरू कर दिया था। प्री परीक्षा के पहले प्री के लिए जैसे तीन घंटे पढ़ती थी तो उस समय मेन्स के लिए एक घंटे ही पढ़ीं। अर्तिका कहती हैं कि प्री के एप्टीट्यूट टेस्ट को पास करना खास मुश्किल नहीं है। उसमें क्लास दस तक के मैथ्स, इंग्लिश आदि के प्रश्न आते हैं और यह पेपर क्वालीफाइंग होता है, इसमें स्कोर करने जैसा कुछ नहीं।
अर्तिका कहती हैं यूपीएससी की तैयारी में मुख्य मोड़ आता है जब मेन्स की बारी आती है, जिसका सिलेबस सागर जैसा अथाह है। इसलिए जरूरी है कि प्री के साथ ही इसकी तैयारी शुरू कर दें साथ ही एवरेज स्टूडेंट से अच्छे अंक लाने के लिए अपने आंसर्स को इंप्रूव करने की लगातार कोशिश करें। ऑप्शनल हमेशा वही चुनें जिस पर आपकी पकड़ हो। अर्तिका ने मेडिकल साइंस चुना था। जहां तक बात न्यूज पेपर की है तो शुरू से लेकर एंड तक अर्तिका ने एक ही न्यूज पेपर पढ़ा।
जिन विषयों को परीक्षा में बहुत कम वेटेज़ दिया जाता है पर वे बहुत लेंदी और टाइम टेकिंग हैं उन्हें अर्तिका ने छोड़ दिया। जीएस वन में स्टैट्स बहुत आता है और जीएस टू की किताब के लिए अर्तिका कहती हैं कि जो भी किताब आप पढ़ रहे हैं उसे प्री के समय ही खत्म कर लीजिए। पीआरएस वेबसाइट, पीआईबी और योजना बहुत जरूरी हैं। एआरसी और इकोनॉमिक सर्वे बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक्स हैं। बेसिक्स के लिए एनसीईआरटी जरूरी है और स्पेस और सैटेलाइट्स संबंधित टॉपिक्स पर नज़र रखें ये स्कोर बढ़ाते हैं।