अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार है. 22 जनवरी को मंदिर में भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है. मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से होगा. दुनियाभर के रामभक्त इस घड़ी का इंतजार करके उत्साहित हैं, तो वहीं विपक्षी दलों द्वारा खूब राजनीति की जा रही है. भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाने वाले दलों के नेता अभी भी मंदिर को लेकर विवादित बयानबाजी कर रहे हैं. बिहार में लालू यादव की पार्टी राजद हो या नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू, दोनों दलों के नेताओं में राम मंदिर का अपमान करने की होड़ सी मची हुई है।
इसी लिस्ट में लालू यादव के छोटे बेटे और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का नाम भी शुमार हो गया है. तेजस्वी यादव ने मंदिर का मजाक उड़ाते हुए कहा कि जहां देखे राम मंदिर, राम मंदिर, राम मंदिर हो रहा है. मंदिर पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि अगर भूख लगेगा तो मंदिर जाइएगा, वहां खाना मिलेगा क्या? वहां तो दान देना पड़ता है. बीमार पड़ोगे तो अस्पताल जाओगे ने? आप लोगों को जागना होगा।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर तेजस्वी ने बीजेपी पर अपनी और पीएम मोदी की मार्केटिंग करने का आरोप लगाया. तेजस्वी ने कहा कि मीडिया दिनभर हम लोगों से राम मंदिर, राम मंदिर, राम मंदिर, यही सब पूछते हैं. भगवान राम को मोदी जी की जरूरत है? भगवान राम चाहते तो अपना महल नहीं बनवा लेते खुद? लेकिन मोदी जी दिखा ऐसे रहे हैं कि उन्होंने भगवान राम को घर और महल दिलवा दिया. ये सब बेकार बात है. बता दें कि तेजस्वी से पहले राजद के कई नेता राम मंदिर पर विवादित बयानबाजी कर चुके हैं।
उधर जेडीयू भी इस मामले में पीछे नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी नेता और बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने भी राम मंदिर को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी राम मंदिर पर राजनीति कर रही है, जबकि सरकार को देश के गरीब, शोषित और वंचित लोगों को आगे बढ़ाने और उन्हें मजबूत करने का काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि भूखे पेट कोई भगवान राम को नहीं भज सकता है. अशोक चौधरी ने आगे कहा कि धर्म तो अपनाने की चीज है. आज हम हिंदू हैं और कल हम जाएं अजमेर शरीफ और वहां ऐसा दिव्य ज्ञान मिल जाए कि हम मुस्लिम हो जाएं तो इसमें कौन सी दिक्कत है?