अयोध्या में करीब 500 साल बाद आखिरकार रामलला को अपना नया भवन मिल ही गया। टैंट से रामलला भव्य मंदिर मंे विराजित हो गए। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह की दुनिया में गूंज रही। 22 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में अयोध्या के भव्य और दिव्य राम मंदिर में प्रभु रामलला प्रतिष्ठापित हुए। इस दौरान पूरी दुनिया ने लाइव कवरेज देखा। जानिए पड़ोसी देश नेपाल से लेकर इजराइल और कोरिया तक दुनिया के देशों में राम उत्सव को लेकर क्या प्रतिक्रिया आई है।
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में राम लला की मूर्ति का अनावरण किया गया। इस पर दुनिया के कई देशों के साथ ही नेपाल से भी प्रतिक्रिया आई है। नेपाल प्रभु श्रीराम का ससुराल भी है। नेपाल के विदेश मंत्री एनपी सऊद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स‘ पर अपनी प्रतिक्रिया देते हए लिखा ‘जय श्रीराम‘ भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा श्री राम मंदिर का उद्घाटन एवं प्राण प्रतिष्ठा समारोह का संपन्न होना सनातन धर्म के सभी अनुयायियों के लिए गौरव का पल है।‘ मर्यादा पुरूषोत्तम राम और नेपाल की बेटी माता सीता साहस, त्याग और धार्मिकता के प्रतीक थे। दोनों देश ‘भारत और नेपाल‘ के बीच गहन सांस्कृतिक और सभ्यतागत जुड़ाव का प्रतीक है। उनके गुण और आदर्श हमें मानवता की सेवा के लिए हमेशा प्रेरित करते रहें।
इजराइल से आया ये बयान
राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा ‘राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के इस शुभ अवसर पर भारत के लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं। यह दुनियाभर के भक्तों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। मैं अयोध्या में राममंदिर के जल्द दर्शन के लिए उत्साहित।
दक्षिण कोरिया ने दिया ये रिएक्शन
भारत स्थित दक्षिण कोरियाई दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है। ‘अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के समारोह पर बधाई। यह ऐतिहासिक जगह 48 ई. से ही अयोध्या की रानी श्रीरत्ना ‘हीओ ह्वांग ओके‘ और गया ‘कोरिया‘ के राजा किम सुरो के बीच वैवाहिक संबंध के आधार पर भारत कोरिया संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतीकात्मक महत्व रखता है।
न्यूजीलैंड ने भी दी बधाई
प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले न्यूजीलैंड के नियमन ‘रेगुलेशन‘ मंत्री डेविड सेमोर ने बधाई देते हुए कहा ‘मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भारत के सभी लोगों को बधाई देना चाहता हूं। 500 वर्षों के बाद इस मंदिर का निर्माण संभव हो पाया है। मैं प्रधानमंत्री मोदी के साहस और ज्ञान की कामना करता हूं। मुझे राम मंदिर का दौरा करने में खुशी होगी।‘
पाकिस्तान ने फिर अलागा वही राग
जहां दुनियाभर के देशों से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बधाई और शुभकामना संदेश मिले, वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपनी ‘हरकत‘ बार फिर दिखा दी। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बाबरी मस्जिद विध्वंस की जगह पर राम मंदिर के उद्घाटन की कड़ी निंदा की और राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को 6 दिसंबर 1992 की घटना से जोड़ दिया।
साथ ही आरोप लगाया कि भारत की सबसे बड़ी अदालत ने इस घटना के जिम्मेदार लोगों को बरी कर दिया, बल्कि उसी जगह पर राम मंदिर निर्माण की मंजूरी भी दी। हालांकि भारत की ओर से भी कड़ा उत्तर दिया गया। भारत ने कहा कि भारत में सर्वोच्च अदालत का यह निर्णय था। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट की तरह नहीं है भारत की कोर्ट। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट की कोई साख नहीं है।