अयोध्या के सरयू तट पर स्थिति अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय श्रीराम ट्रस्ट के अधीन काम करेगा. उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग और श्रीराम ट्रस्ट के बीच समझौता ज्ञापन में हस्ताक्षर के बाद संग्रहालय ट्रस्ट को सौंप दिया जाएगा. रामकथा संग्रहालय को श्रीराम ट्रस्ट को सौंपे जाने के लेकर यूपी सरकार की मुहर पहले ही लग चुकी है. आज यानी सोमवार को औपचारिक समझौते के बाद इसकी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.
श्रीराम ट्रस्ट को सौंपने पर आज फैसला
अयोध्या के सरयू तट पर स्थिति अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय श्रीराम ट्रस्ट के अधीन काम करेगा. इस पर आज फैसला हो जाएगा. यूपी सरकार श्री रामकथा संग्रहालय एवं आर्ट गैलरी को श्रीराम ट्रस्ट को सौंपने की प्रक्रिया पूरी करेगी. इसके लिए समझौता पत्र पर साइन होगा. ये प्रक्रिया राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र और राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की मौजूदगी में होगी. समझौता प्रक्रिया के बाद ये संग्रहालय श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट को लीज पर मिल जाएगा.
संग्रहालय में दिखेंगी खुदाई के दौरान की मूर्तियां
अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से न सिर्फ खुदाई के दौरान मिली मूर्तियों व अवशेषों को दर्शाया जाएगा बल्कि इस आंदोलन की कानूनी, राजनीतिक और धार्मिक यात्रा का विवरण प्रस्तुत करने वाला एक विशेष प्रकोष्ठ भी बनाया जाएगा. नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि संग्रहालय के एक प्रकोष्ठ में राम वन गमन व विभिन्न भाषाओं की राम कथाओं का विवरण होगा और एक अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रकोष्ठ में राम के अंतरराष्ट्रीय महत्व से जुड़ी गाथाओं को दर्शाया जाएगा.
उन्होंने बताया कि पहले इरादा था कि मंदिर परिसर में ही एक संग्रहालय बनाया जाए लेकिन इससे बाद में समस्या हो सकती थी. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट ने देखा कि एक बहुत अच्छा संग्रहालय राज्य सरकार के पास उपलब्ध है और वह उसे मिल जाए तो दोनों की अपेक्षाओं की पूर्ति हो सकेगी.
नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि राज्य सरकार ने संग्रहालय दे दिया है. इसमें कार्य शुरू किया जा रहा है. पहले मंदिर ट्रस्ट की योजना में मंदिर परिसर में ही श्रीराम से जुड़ी और मंदिर परिसर की नींव की खुदाई में निकले दुर्लभ पुरावशेषों के संग्रह के लिए संग्रहालय का निर्माण प्रस्तावित था.