CISF की लापरवाही की चलते दुष्कर्म का एक आरोपी दिल्ली एयरपोर्ट से फरार होने में सफल हो गया. इस मामले में सीआईएसएफ से सिर्फ एक जगह पर चूक नहीं हुई, बल्कि वह तीन जगहों पर इस आरोपी को रोकने में नाकामयाब साबित हुई. अब इस माममले में दिल्ली एयरपोर्ट पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर फरार आरोपी की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी है.
एयरपोर्ट सुरक्षा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से फरार हुए रेप के आरोपी का नाम अमनदीप सिंह है. वह पंजाब के फतेहगढ़ साहिब शहर का रहने वाला है. पंजाब पुलिस ने अमनदीप के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) भी जारी किया हुआ था. इसी एलओसी के आधार पर इमीग्रेशन अधिकारी ने अमनदीप को हिरासत में लेकर सीआईएसएफ के हवाले किया था.
बहरीन से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा था आरोपी
एयरपोर्ट सुरक्षा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पंजाब के खन्ना पुलिस स्टेशन में आरोपी अमनदीप सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (दुष्कर्म) के तहत एफआईआर दर्ज है. यह एफआईआर 7 अप्रैल 2020 को दर्ज कराई गई थी. इसी एफआईआर के आधार पर पंजाब पुलिस ने एलओसी जारी कर देश के सभी एयरपोर्ट्स के इमीग्रेशन विभाग को आरोपी अमनदीप सिंह को लेकर सचेत किया था.
वहीं, आरोपी बहरीन से आने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-940 से आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचा था. पासपोर्ट की जांच के दौरान इमीग्रेशन अधिकारी ने आरोपी को हिरासत में ले लिया और CISF को सुपुर्द करते हुए उसे दिल्ली एयरपोर्ट पुलिस को सौंपने की जिम्मेदारी दी. इस बीच, सीआईएसएफ का जवान आरोपी छोड़ वाशरूम चला गया और आरोपी मौके का फायदा उठा एयरपोर्ट से फरार होने में सफल हो गया.
सुरक्षा के चार घेरों को तोड़ हुआ फरार
एयरपोर्ट सुरक्षा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपी अमनदीप सिंह एयरपोर्ट के जिस एरिया से फरार हुआ है, वहां से टर्मिनल के बाहर निकलने के बीच सुरक्षा के चार घेरे हैं. पहला घेरा इमीग्रेशन विभाग का है. आरोपी इमीग्रेशन एरिया के काउंटर नंबर 33 पर लगे गेट को फांदकर बैगेज एरिया में आ गया. इसके बाद, दूसरा सुरक्षा घेरा कस्टम विभाग का है. कस्टम विभाग की प्रिवेंटिव टीम ने ग्रीन और रेड चैनल बनाकर पूरे एरिया को घेर रखा है.
यहां पर कस्टम प्रिवेंटिव टीम के अधिकारी तस्करों की धरपकड़ के लिए तैनात रहते हैं. आरोपी कस्टम के सुरक्षा घेरे को तोड़कर बाहर निकलने में कामयाब रहा. यहां आपको बता दें कि इमीग्रेशन और कस्टम एरिया के बीच जो बैगेज बेल्ट का एरिया है, यहां पर भारी संख्या में सीआईएसएफ के कमांडो, इंटेलीजेंस टीम के जवान और अधिकारी तैनात रहते हैं. यहां पर इन सबकी मौजूदगी बेमानी साबित हुई है. कस्टम विभाग के बाद तीसरा और चौथा घेरा सीआईएसएफ का है. इन दोनों जगहों पर भी सीआईएसएफ आरोपी को पकड़ने में नाकामयाब साबित हुई है.