एशिया में चीन और वियतनाम के बाद बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में नाइट हेरोन पक्षी (रात्रि बगुला) देखा गया है। एक सप्ताह पूर्व नेचर एनवायरमेंट वाइल्ड लाइफ सोसायटी के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिषेक कुमार के साथ जानवरों व पक्षियों का सर्वे करने पहुंची टीम को यह पक्षी दिखा था।
तस्वीर के आधार पर जब जांच की गई तो यह नाइट हेरोन पक्षी निकला। इस दुर्लभ और विलुप्तप्राय पक्षी के दिखने से वीटीआर प्रशासन गदगद है। वीटीआर में पहले से सौ से अधिक प्रजातियों के जानवर और 350 से अधिक प्रजातियों के पक्षी मौजूद हैं। एनवायरमेंट वाइल्डलाइफ सोसायटी के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिषेक का कहना है कि नाइट हेरोन पक्षी को सफेद कान वाला रात्रि बगुला (व्हाइट इयर नाइट हेरोन) नाम से बुलाया जाता है। पहली बार वीटीआर में यह पक्षी 24 नवम्बर, 2016 को देखा गया था। पूरी दुनिया में इस पक्षी की संख्या सिर्फ एक से डेढ़ हजार के बीच है। वर्ष 2000 में इसे लुप्तप्राय पक्षियों की क्षेणी मे शामिल किया गया था। नाइट हेरोन (रात्रि बगुला) पक्षी को 2001 में 20 स्थानों पर तो 2011 में 30 से अधिक जगहों पर देखा गया था। इसे मायावी पक्षी भी कहते हैं। दिन में यह पक्षी सोता है और रात में छिपकर शिकार करता है। शारीरिक बनावट के साथ यह शिकार की कला में निपुण है।
अन्य जानवरों व शिकारियों से बचने समेत शिकार की कला में निपुण होने के कारण इसे मायावी पक्षी कहते हैं। यह आर्डेंडे परिवार के बगुले की प्रजाति है। घनघोर जंगल में रहना इसे पसंद है। झींगा, छोटी मछलियों समेत कीड़े-मकोड़े इसका पसंदीदा भोजन हैं। इसके कान सफेद होते हैं।