जाने-माने समाजसेवी और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन नवल टाटा ब्रीच कैंडी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं। उन्हें सोमवार की सुबह अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष में ले जाया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। रतन टाटा को गंभीर हालत में रात 12:30 से 1:00 बजे के बीच अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका ब्लड प्रेशर बहुत कम हो गया था और उन्हें तुरंत आईसीयू में ले जाया गया, जहां जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ की देखरेख में उनका इलाज चल रहा है।
रतन टाटा का पूरा नाम रतन नवल टाटा हैं। रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को बॉम्बे (अब मुंबई) में हुआ था। वह टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के परपोते हैं। रतन टाटा 1990 से 2012 तक टाटा समूह के अध्यक्ष थे और अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक अंतरिम अध्यक्ष थे। रतन टाटा समूह के धर्मार्थ ट्रस्टों के प्रमुख बने हुए हैं।
टाटा की असल कहानी 1962 में शुरू हुई जब वे टाटा समूह में शामिल हुए. उन्होंने 1990 में समूह के अध्यक्ष बनने से पहले कई कार्य किए और धीरे-धीरे बिजनेस की सीढ़ी चढ़ते गए। उनके कार्यकाल में टाटा समूह ने घरेलू और विदेश दोनों ही स्तरों पर पर्याप्त वृद्धि और विस्तार का अनुभव किया। टाटा की दूरदर्शिता और रणनीतिक सोच ने कंपनी को टेलीकॉम, रिटेल और ऑटो जैसे नए उद्योगों में विस्तार करने की अनुमति दी।
बताते चलें कि साल 2024 तक रतन टाटा की कुल संपत्ति 1.5 बिलियन डॉलर यानी करीब 12,483 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। साल 2022 में IIFL वेल्थ हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के मुताबिक, रतन टाटा की कुल संपत्ति 3,800 करोड़ रुपए थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वह अपनी कमाई का 66 फ़ीसदी हिस्सा दान कर देते हैं. वे टाटा ट्रस्ट में अपनी इनकम का एक बड़ा हिस्सा दान करते हैं।