‘रउवा.. हम बिहार से बहुत प्रेम करते हैं’, गया दौरे पर आए बाबा बागेश्वर का भक्तों को संबोधन

बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का शुक्रवार देर रात गया आगमन हुआ है. उनका प्रवास स्थल बोधगया के ‘संबोधी रिट्रीट’ होटल में है. उनके स्वागत के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु वहां मौजूद थे. बाबा बागेश्वर धाम की जय के जयकारे से प्रवास स्थल गूंंजता रहा. भक्तों की भीड़ को देखते हुए वह कुछ देर के लिए बाहर निकले और लोगों का अभिनंदन स्वीकार करते हुए कहा कि आप सभी की अर्जी स्वीकार कर रहा हूं. आपको आशीर्वाद दे रहे हैं. बालाजी की कृपा आप पर हो जाए, यह आशीर्वाद है।

‘बिहार से बहुत प्यार करते हैं हम’: बाबा बागेश्वर ने अपने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि वह बिहार और गया जी की चर्चा ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भी करते हैं. जहां-जहां वे जाते हैं, बिहार की चर्चा जरूर करते हैं. उन्हें बिहार से काफी लगाव है. उन्होंने कहा कि रउवा हम बिहार से काफी प्रेम करते हैं. बिहार आते हैं तो दिल में बहार हो जाता है. मन गदगद हो जाता है. हम जहां भी जाते हैं, वहां बिहार की चर्चा जरूर करते हैं. बिहार की चर्चा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भी करते हैं. जहां-जहां जाते हैं सनातन और सनातनी एकता की बात करते हैं।

गांव-गांव जाएंगे बाबा बागेश्वर: इस दौरान बाबा बागेश्वर ने कहा कि भारत में सबसे बड़ा जहर जात-पात, ऊंच-नीच और छुआछूत का है. उन्होंने कहा कि वह प्रण लेते हैं कि इस जहर को मिटाएंगे और गांव-गांव की पदयात्रा करेंगे. 21 नवंबर से उनकी पदयात्रा शुरू होगी. वहीं, बिहार के बारे में कहा कि वह इस राज्य की चर्चा और गया जी की चर्चा ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भी करते हैं।

“मैंने प्रण लिया है कि भारत के पिछड़े लोगों से मिलने के लिए गांव-गांव की पदयात्रा करूंगा, क्योंकि भारत में सबसे बड़ा जहर जात-पात, ऊंच-नीच और छुआछूत का है. इसे पाटने और सनातनी एकता के लिए पिछड़े लोगों से मिलने के लिए गांव-गांव की पदयात्रा करूंगा. 21 नवंबर से 29 नवंबर तक 160 किलोमीटर की पदयात्रा बागेश्वर धाम से शुरू होगी.”- धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, आचार्य, बागेश्वर धाम

बालाजी प्रसाद विवाद पर क्या बोले?: बागेश्वर बाबा ने अपने भक्तों को बागेश्वर धाम आने को आमंत्रित किया. भक्तों को सीताराम कहकर संबोधित किया. इश दौरान उन्होंने ये भी कहा कि भारत में विचित्र स्थिति है. वैष्णव धर्म को बर्बाद करने के लिए भगवान के प्रसाद में मछली का तेल मिला दिया जा रहा है. इसे लेकर हमने नया प्रण लिया है. भारत के पिछड़े लोगों से मिलने का और गांव-गांव की पदयात्रा करेंगे।

‘न चुनाव लड़ना है, न वोट लेना है’: बागेश्वर बाबा ने कहा कि हमें न चुनाव लड़ना है और न वोट चाहिए. हमारा उद्देश्य है कि भारत के हिंदुओं और हिंदुओं की बेटे-बेटियों पर अत्याचार न हो, जिस तरह बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हुआ, वह भारत में न हो।

Sumit ZaaDav: Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.