90 के दशक की मशहूर अदाकारा रवीना टंडन ने अपने अभिनय से हमेशा दर्शकों को प्रभावित किया है। साउथ की फिल्मों और ओटीटी के माध्यम से रवीना ने एक बार फिर से एक्टिंग की दुनिया में वापसी की है। रवीना ने केवल बॉलीवुड में ही नहीं, बल्कि कई अन्य इंडस्ट्रीज में भी काम किया है और अपनी पहचान बनाई है। हाल ही में, एक्ट्रेस ने साउथ और बॉलीवुड इंडस्ट्री के बीच एक बड़ा अंतर बताया है।
राजश्री अनप्लग्ड के साथ हाल ही में एक इंटरव्यू में रवीना टंडन ने साउथ इंडस्ट्री के बारे में बात की। रवीना ने फिल्म ‘तकदीरवाला’ की शूटिंग का समय याद किया और बताया कि साउथ की कम बजट वाली फिल्मों में भी उन्हें किसी प्रकार की कमी महसूस नहीं हुई। साउथ इंडस्ट्री कैसे कम बजट में भी अच्छा काम करती है, इसे देखकर रवीना बहुत प्रभावित हुईं। इस फिल्म में रवीना के साथ वेंकटेश भी मुख्य भूमिका में थे।
साउथ की फिल्मों में कैसे होता है काम
रवीना ने बताया, “हमने मॉरीशस में सिर्फ 9 लोगों की टीम के साथ फिल्म के पांच गाने शूट किए। वहां न कोई लाइट मैन था, न कोई जनरेटर, न कोई लाइट, कुछ भी नहीं। उन्होंने गाने को दो बेबी लाइट और केवल रिफ्लेक्टर के साथ शूट किया, जो कि सिल्वर फॉइल के साथ थे। सभी गाने इसी तरह से शूट किए गए और आप उन गानों की क्वालिटी को देखें।”
रवीना टंडन ने हिंदी सिनेमा के गानों को विदेश में शूट करने के अनुभव को भी साझा किया। एक्ट्रेस के अनुसार, मेकर्स करीब 200 लोगों की टीम तैयार करते हैं, जो साउथ की फिल्मों के मुकाबले काफी ज्यादा है। रवीना ने कहा, “जब मैं मुंबई में शूटिंग करती थी और हम यहां से बाहर स्विट्जरलैंड या किसी दूसरी जगह जाते थे, तो 200 लोग हमारे साथ जाते थे। मैं कहती थी कि जब हम ये सब काम 10 लोगों के साथ कर सकते हैं तो आपको इतने लोगों की जरूरत क्यों है?