BiharNationalPolitics

नीतीश के करीबी रहे आरसीपी सिंह ने बनाई नई पार्टी

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के करीबी रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने नई पार्टी का एलान कर दिया है। उनकी पार्टी का नाम ‘आप सबकी आवाज’ (Aap Sab Ki Awaaz Party) है। गुरुवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने यह जानकारी दी। पत्रकारों से बात करते हुए आरसीपी सिंह ने कहा कि उन्होंने लॉन्च के लिए 31 दिसंबर तो इसलिए चुना, क्योंकि आज दीपावली के अलावा सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती भी है।

आरसीपी सिंह ने जदयू के साथ अपने संबंधों पर कुछ नहीं कहा। बता दें कि एक समय वह जदयू के अध्यक्ष थे, लेकिन फिर नीतीश कुमार से नाराजगी के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी।आरपीसी सिंह ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में उतरेगी। उनके पास पहले से ही 243 में से 140 सीटों के लिए संभावित उम्मीदवार हैं।

विधानसभा चुनाव लड़ेगी आरसीपी सिंह की पार्टी

 

आरसीपी सिंह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा से ही आते हैं। वह उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी थे और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर वह पहली बार तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार के संपर्क में आए थे।

2005 में बिहार में सत्ता संभालने के बाद नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को अपने प्रमुख सचिव के रूप में बिहार आने के लिए राजी किया। नीतीश कुमार आरसीपी सिंह के प्रशासनिक कौशल से काफी प्रभावित थे।

नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह के रिश्ते बिगड़े

फिर 2010 में आरसीपी सिंह ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली और जदयू में शामिल हो गए। इसके बाद लगातार दो बार उन्हें राज्यसभा भेजा गया। वहीं, 2021 में नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह के बीच खटास पैदा हो गई। दरअसल, 2021 में आरसीपी सिंह नरेंद्र मोदी कैबिनेट में शामिल हुए थे, यह बात नीतीश कुमार को रास नहीं आई। नीतीश कुमार को तब तक संदेह हो गया था कि उनका शिष्य तोड़फोड़ की योजना बना रहा था।

पार्टी अध्यक्ष बनने के कुछ महीनों के भीतर आरसीपी सिंह को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटना पड़ा और उन्हें मंत्री पद तक छोड़ना पड़ा। उस समय तक जदयू कार्यकर्ताओं में यह अफवाह फैल गई थी कि सिंह भाजपा के कहने पर विभाजन की साजिश रच रहे हैं और उन्हें वित्तीय हेराफेरी के आरोपों पर कारण बताओ नोटिस दिया गया था, जिसके कारण उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ी।

एक साल बाद आरसीपी भाजपा में शामिल हो गए। उस दौरान नीतीश कुमार भी एनडीए में नहीं थे। हालांकि, नीतीश कुमार ने एक साल बाद फिर से गठबंधन करने का फैसला किया। वहीं, अब नीतीश कुमार की जदयू भाजपा की महत्वपूर्ण सहयोगी है। गौरतलब है कि बीजेपी लोकसभा में बहुमत से दूर है।

आरसीपी सिंह ने राज्य में बहुप्रचारित शराबबंदी कानून और सरकारी शिक्षा संस्थानों में गिरावट का जिक्र करते हुए परोक्ष रूप से सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Kumar Aditya

Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कार्यशाला आयोजित बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी