आगामी रबी विपणन मौसम 2025-26 में गेंहूँ अधिप्राप्ति 1 अप्रैल 2025 से शुरू होने जा रही है। इसके तहत किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2425 रुपये प्रति क्विंटल का लाभ दिलाने के लिए सहकारिता विभाग ने सभी जिलों के जिला सहकारिता पदाधिकारियों को अग्रिम तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। किसानों को सही जानकारी मिले और वे सरकारी खरीद केंद्रों तक आसानी से पहुंच सकें, इसके लिए प्रचार-प्रसार तेज किया जाएगा।
गेंहूँ खरीद के लिए बनेगा विस्तृत प्लान
राज्य में गेंहूँ खरीद को प्रभावी बनाने के लिए पैक्स (PACS) और व्यापार मंडल को पंचायत व प्रखंड स्तर पर सक्रिय किया जाएगा। वहीं, भारतीय खाद्य निगम (FCI) भी अपने क्रय केंद्र स्थापित करेगा, ताकि किसानों को अपनी उपज बेचने में कोई दिक्कत न हो।
किसानों के लिए डिजिटल पंजीकरण अनिवार्य
गेंहूँ की बिक्री के लिए किसानों को राज्य के कृषि विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि अधिप्राप्ति की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन एवं पारदर्शी प्रणाली के तहत होगी, जिससे किसानों को उनके बैंक खाते में 48 घंटे के भीतर भुगतान मिल सके।
क्रय केंद्रों पर व्यवस्थाएं होंगी मजबूत
गेंहूँ खरीद में किसी भी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए सहकारिता विभाग ने समितियों के अंकेक्षण को अपडेट करने, क्रय केंद्रों पर कैश-क्रेडिट की उपलब्धता सुनिश्चित करने और सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
- भंडारण सुविधा: क्रय केंद्रों पर पर्याप्त भंडारण की व्यवस्था होगी।
- माप-तौल एवं नमी जांच: खरीदे गए गेंहूँ की गुणवत्ता जांचने के लिए नमी मापक यंत्र और तौल उपकरणों का नवीकरण किया जाएगा।
- सूचना प्रसार: किसानों तक सही जानकारी पहुंचाने के लिए बैनर-पोस्टर लगाए जाएंगे, जिनमें सहकारिता प्रसार पदाधिकारी का संपर्क नंबर और सरकारी टोल-फ्री हेल्पलाइन (सुगम) 18001800110 दिया जाएगा।
सरकार का लक्ष्य: किसानों को मिले पूरा लाभ
सहकारिता विभाग का कहना है कि टास्क फोर्स की बैठकें जल्द पूरी कर समितियों का चयन किया जाएगा, जिससे अधिप्राप्ति कार्य में किसी तरह की देरी न हो। सरकार का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनके गेंहूँ का उचित मूल्य दिलाना और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की पूरी गारंटी देना है।