कतर की जेल में बंद भारत के पूर्व नौसैनिकों को लेकर राहत भरी खबर निकलकर सामने आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों को मिली मौत की सजा के खिलाफ भारत की अपील को स्वीकार कर लिया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची हाल ही में कहा था कि भारतीय दूतावास को हिरासत में लिए गए भारतीयों तक एक और कांसुलर पहुंच प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा है कि भारत की ओर से नागरिकों को सभी कानूनी और कांसुलर समर्थन देना जारी रखा जाएगा।
फांसी की सजा मिली थी
बीते महीने कतर की एक अदालत द्वारा 8 पूर्व भारतीय नौसेनिकों को मौत की सजा दी गई थी। भारत के ये नागरिक बीते 1 साल से कतर की जेल में बंद थे। कतर की कोर्ट द्वारा मौत की सजा के ऐलान पर भारत सरकार ने हैरानी व्यक्त की थी और अपने नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी उपलब्ध कानूनी विकल्पों का पता लगाने की प्रतिज्ञा की थी।
क्या है आरोप?
भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को बीते साल अगस्त महीने में कतर में गिरफ्तार किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये अधिकारी कतर की एक निजी कंपनी अल दहरा के साथ काम कर रहे थे। इन भारतीय नागरिकों को कथित तौर पर जासूसी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। अब तक न तो कतरी अधिकारियों और न ही नई दिल्ली ने भारतीय नागरिकों के खिलाफ आरोपों को सार्वजनिक किया है।
बेदाग कार्यकाल वाले अधिकारी
रिपोर्ट के मुताबिक, इन सभी पूर्व अधिकारियों ने 20 साल तक नौसेना में सेवा दी है और इनका कार्यकाल बेदाग था। इन अधिकारियों ने नौसेना में ट्रेनर समेत कई अहम पदों पर काम किया था। बता दें कि अल दहरा कंपनी ने मई महीने में दोहा में अपना परिचालन बंद कर दिया था और वहां काम करने वाले सभी लोग अपने-अपने घर लौट आए हैं।