धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का निधन: 88 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस, भारत में तीन दिन का राष्ट्रीय शोक

कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का सोमवार सुबह निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। वेटिकन के अनुसार, उन्होंने सुबह 7:35 बजे अंतिम सांस ली। कार्डिनल केविन फेरेल ने इस दुखद समाचार की पुष्टि की।

पोप फ्रांसिस बीते कुछ महीनों से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्हें 14 फरवरी 2025 को रोम के गेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फेफड़ों की गंभीर समस्या, निमोनिया और एनीमिया के इलाज के दौरान उनकी किडनी फेल होने के लक्षण भी सामने आए थे। इलाज के बाद 14 मार्च को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी, लेकिन स्वास्थ्य पूरी तरह बहाल नहीं हो सका।

पोप फ्रांसिस इतिहास में पहले लैटिन अमेरिकी पोप थे। अर्जेंटीना में जन्मे फ्रांसिस ने अपने कार्यकाल में चर्च को गरीबों, प्रवासियों और पर्यावरण के मुद्दों पर जागरूक और सक्रिय भूमिका में लाया। उनके नेतृत्व को उदार, आधुनिक और मानवीय मूल्यों से भरपूर माना गया।

उनके निधन पर भारत सरकार ने तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और कोई आधिकारिक समारोह आयोजित नहीं किया जाएगा।

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