बिहार विधान परिषद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मिमिक्री करके मजाक उड़ाने वाले राजद के पूर्व MLC को सुप्रीम कोर्ट ने लताड़ लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि सदनों के सदस्यों को किसी की आलोचना करने के दौरान सम्मानपूर्वक व्यवहार करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री एक सम्मानित पद होता है, उसका सम्मान किया जाना चाहिए. कोर्ट ने ये टिप्पणी राजद के पूर्व एमएलसी सुनील कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई के दौरान की. दरअसल, राजद नेता ने अपने निष्कासन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने राजद नेता सुनील कुमार सिंह को मुख्यमंत्री का सम्मान करने की नसीहत दी.
बता दें कि पिछले साल 13 फरवरी को बिहार विधान परिषद में राजद नेता सुनील सिंह को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मिमिक्री करने और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए सदन से निष्कासित कर दिया गया था. जिसके खिलाफ राजद नेता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिस्वर सिंह की पीठ ने संसद और विधानसभाओं मे चलने वाली कार्रवाइयों पर बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि असहमति जताते हुए भी, व्यक्ति को सम्मानजनक होना चाहिए. कोर्ट में राजद नेता के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मामला न्यायालय में होने के बाद भी निर्वाचन आयोग ने इस सीट पर उपचुनाव का ऐलान कर दिया है, ऐसे में कंफ्यूजन होगा.
सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि एक अन्य एमएलसी ने सदन में जब ऐसी भाषा बोली तो उन्हें सिर्फ निलंबित किया गया था, लेकिन उनके मुवक्किल सुनील सिंह के मामले में निष्कासन का फैसला लिया गया. उन्होंने कोर्ट से इस सीट पर होने वाले उपचुनाव को रोकने की मांग की. सिंघवी ने कहा कि चुनाव चुनाव होते हैं और कोई चुना जाता है और उसी वक्त सुप्रीम कोर्ट निष्कासन को रद्द कर देता है, तो अलग स्थिति पैदा हो जाएगी. उन्होंने शीर्ष न्यायालय से इस महीने होने वाले उपचुनाव पर रोक लगाने की अपील की. हालांकि, अदालत ने उपचुनाव पर रोक नहीं लगाई, लेकिन अंतिम सुनवाई 9 जनवरी को करने की बात कही है.