बिहार में हर्ष फायरिंग पर लगाम: लाइसेंसी हथियारों और गोलियों की खरीद पर सख्ती, सरकार ने दिए सख्त निर्देश

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पटना, बिहार: बिहार में बढ़ते अपराध और खासकर समारोहों में हो रही हर्ष फायरिंग की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। अब लाइसेंसी हथियार धारकों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जाएगी और गोलियों की खरीद-फरोख्त पर भी निगरानी बढ़ाई जाएगी।

राज्य के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा की अध्यक्षता में हाल ही में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें इस मुद्दे पर गंभीरता से मंथन किया गया। बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए गए कि जो लाइसेंसधारी सामान्य से अधिक मात्रा में गोलियां खरीद रहे हैं, उनकी गतिविधियों की सक्रिय मॉनिटरिंग की जाए। अधिकारियों को यह पता लगाने को कहा गया है कि इन गोलियों और हथियारों का उपयोग कहां और किस उद्देश्य से किया जा रहा है।

राज्यव्यापी सत्यापन अभियान की तैयारी

सरकार ने निर्देश दिया है कि पूरे बिहार में आर्म्स लाइसेंस का व्यापक सत्यापन अभियान चलाया जाए। जिनके लाइसेंस की अवधि समाप्त हो चुकी है या जिनके खिलाफ आपराधिक पृष्ठभूमि की आशंका है, उनके लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं। साथ ही, नए लाइसेंस आवेदकों के लिए चरित्र सत्यापन प्रक्रिया को तेज़ी से पूरा करने के आदेश दिए गए हैं।

सिर्फ हथियार नहीं, अवैध बालू खनन पर भी सख्ती

बैठक में केवल हथियारों से जुड़ी गतिविधियों पर ही नहीं, बल्कि अवैध बालू खनन और घाटों के प्रत्यर्पण से संबंधित मामलों पर भी चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि बालू घाटों पर हो रहे अवैध व्यापार पर रोक लगाने के लिए त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जाए। इसके लिए प्रवर्तन अभियानों को तेज करने के आदेश भी जारी किए गए हैं।

राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार गंभीर

राज्य सरकार का कहना है कि बढ़ती असामाजिक गतिविधियों और अवैध हथियारों के बढ़ते उपयोग को रोकने के लिए सभी विभागों को समन्वय में काम करना होगा। पुलिस प्रशासन को सतर्कता बढ़ाने और नियमित छापेमारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि कानून व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जा सके।

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