जापान के संसदीय चुनाव में जनता ने किसी भी पार्टी को भी सरकार बनाने का मौका नहीं दिया। सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) गठबंधन को भी बहुमत नहीं मिल पाया।
पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत शिंजो आबे की पार्टी एलडीपी को मात्र 191 सीटों पर संतोष करना पड़ा। उसे 65 सीटों का नुकसान हुआ। पिछले डेढ़ दशक में चुनाव में एलडीपी का यह सबसे खराब प्रदर्शन है। एलडीपी और उसकी सहयोगी पार्टी कोमिटो को कुल 215 सीट हासिल हुई हैं। बहुमत के लिए 233 सीट जरूरी है। प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने पिछले महीने एलडीपी अध्यक्ष पद का चुनाव जीता था। इसके बाद वह प्रधानमंत्री बने। इसके बाद इशिबा ने चुनाव कराने का ऐलान किया।
दो कैबिनेट मंत्री और कोमिटो नेता इशी की पराजय
जापान टुडे अखबार के अनुसार मुख्य विपक्षी कॉन्स्टिट्यूशनल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ जापान (सीडीपीजे) को इस बार कुछ सीटों का फायदा हुआ है। पिछली बार उसके 98 उम्मीदवार चुनाव जीते थे। इसबार यह आंकड़ा 148 पहुंच गया। इस बार दो कैबिनेट मंत्रियों और सरकार में शामिल कोमिटो के नेता केइची इशी को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा।
इशिबा ने कहा-प्रधानमंत्री पद बने रहेंगे
प्रधानमंत्री इशिबा ने चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने प्रधानमंत्री पद पर बने रहने का वादा करते हुए कहा, “हम एक क्षण भी ठहराव नहीं चाहते। हम इस समय सुरक्षा और आर्थिक क्षेत्र में कठिन हालात का सामना कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि जनता ने कठोर फैसला सुनाया है। वे विनम्रता से उसे स्वीकार करते हैं। वह जोड़ तोड़ की कोशिश नहीं करेंगे।
सीडीपीजे नेता योशीहिको नोडा मिला सकते हैं दूसरे दलों से हाथ
द जापान टाइम्स की खबर के अनुसार सीडीपीजे नेता योशीहिको नोडा ने कहा कि वह सत्ताधारियों को हटाने के लिए अन्य पार्टियों के साथ मिलकर काम करेंगे। हालांकि विश्लेषक इसे दूर की कौड़ी की संभावना के रूप में देख रहे हैं। युद्ध के बाद के लगभग पूरे इतिहास में एलडीपी ने जापान पर शासन किया है और यह परिणाम उसके सबसे खराब चुनाव के रूप में दर्ज हुआ है।