भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी की ओर से दायर अदालत की अवमानना याचिका पर मद्रास हाई कोर्ट ने शुक्रवार (15 दिसंबर) को रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी जी संपत कुमार को 15 दिनों के साधारण कारावास की सजा सुनाई.
जस्टिस एसएस सुंदर और जस्टिस सुंदर मोहन की बेंच ने संपत कुमार को आपराधिक अवमानना का दोषी पाया. हालांकि बेंच ने संपत कुमार को अपील दायर करने की अनुमति देने के लिए सजा को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया.
एमएस धोनी ने क्यों दर्ज कराया था मामला?
धोनी ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के खिलाफ कथित रूप से अवमानना वाले बयान देने के लिए आईपीएस अधिकारी के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला दर्ज कराया था. धोनी ने आईपीएल सट्टेबाजी में अपना नाम लिए जाने को लेकर 2014 में मानहानि का मुकदमा दायर किया था और 100 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की थी. इस मुकदमे पर दायर संपत कुमार के जवाबी हलफनामे में न्यायपालिका के खिलाफ की गई टिप्पणियों के लिए उन्हें दंडित करने की मांग की गई थी.
मद्रास हाई कोर्ट ने क्या कहा?
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बेंच अपने आदेश में कहा कि संपत कुमार ने जानबूझकर इस अदालत और सुप्रीम कोर्ट को बदनाम करने और उनके अधिकार को कम करने का प्रयास किया है… अदालत ने कहा कि जब आदेश को कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग बताते हुए अंतरिम आदेश देने के खिलाफ एक सामान्य बयान दिया गया तो यह उचित टिप्पणी नहीं थी. पीठ ने कहा कि इसी तरह सुप्रीम कोर्ट पर यह आरोप लगाना कि वह कानून के शासन पर ध्यान केंद्रित करने में विफल रहा है, को किसी पक्ष की शिकायत की निष्पक्ष अभिव्यक्ति के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है.