राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने मगध क्षेत्र में नक्सली गतिविधियां फिर से संचालित करने के एक प्रतिबंधित संगठन के प्रयासों से जुड़े आतंकी वित्तपोषण नेटवर्क में कथित संलिप्तता के लिए भाकपा (माओवादी) के 2 सदस्यों के खिलाफ झारखंड की एक विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किया है।
विजय आर्य उर्फ दिलीप और आनंद पासवान उर्फ आनंदी पासवान के खिलाफ रांची की विशेष एनआईए अदालत में सोमवार को आरोप पत्र दायर किया गया है। एजेंसी के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। दोनों बिहार के रहने वाले हैं। अधिकारी ने कहा कि आर्य और पासवान पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम (यूएपीए) के विभिन्न प्रावधानों के तहत आरोप दर्ज किए गए हैं।
पासवान पर शस्त्र अधिनियम की एक धारा के तहत भी अतिरिक्त आरोप हैं। प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए ने आतंकवाद और हिंसा से संबंधित गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भाकपा (माओवादी) द्वारा देश में स्थापित आतंकी ढांचे को समाप्त करने के प्रयासों में 30 दिसंबर, 2021 को स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था। अब तक 5 आरोपियों तरुण कुमार, प्रद्युम्न शर्मा, अभिनव उर्फ गौरव, आनंदी पासवान और विजय कुमार आर्य को गिरफ्तार किया गया है। पहले ही गिरफ्तार 3 आरोपियों के खिलाफ इस साल 20 जनवरी और 28 जून को आरोप पत्र दायर किया गया था।
अधिकारी ने कहा कि गंभीर आपराधिक साजिश के तहत, सभी आरोपी हथियारों और गोला-बारूद की खरीद और नए कैडरों की भर्ती के लिए धन इकट्ठा कर रहे थे। इसके साथ ही वे विभिन्न जेलों में बंद नक्सलियों और सक्रिय कार्यकर्ताओं के संपर्क में थे। एनआईए ने कहा कि जांच से पता चला है कि आर्य भाकपा (माओवादी) की केंद्रीय समिति का सदस्य था, जबकि पासवान प्रतिबंधित संगठन का प्रमुख समर्थक और पूर्व कैडर था।
प्रवक्ता ने कहा कि आर्य को पूर्व कैडरों को आकर्षित करने में लिप्त पाया गया था और वह संगठन के कार्यकर्ताओं और झारखंड तथा बिहार में भाकपा (माओवादी) मगध क्षेत्र के अन्य हितधारकों के बीच माध्यम के रूप में भी काम कर रहा था। प्रवक्ता ने कहा कि पासवान के पास भी हथियार और गोला बारूद बरामद हुआ था।