पटना। बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा राज्य के 534 अंचल कार्यालयों की मार्च माह की रैंकिंग जारी कर दी गई है। इस रैंकिंग में जमुई जिले के लक्ष्मीपुर अंचल कार्यालय ने पहला स्थान प्राप्त किया है। विभागीय समीक्षा का उद्देश्य राजस्व कार्यों में पारदर्शिता और कार्यक्षमता को बढ़ावा देना है, जिससे आमजन को समय पर और समुचित सेवा मिल सके।
रैंकिंग का आधार और प्रक्रिया
राजस्व विभाग द्वारा यह रैंकिंग विभिन्न मानकों पर आधारित होती है। इसमें परिमार्जन प्लस, म्यूटेशन, अभियान बसेरा-2, आधार सीडिंग, ऑनलाइन एलपीसी, ई-मापी, अतिक्रमणवाद निपटारा, जमाबंदी और सरकारी जमीन की इंट्री एवं वेरीफिकेशन जैसे कार्यों के आधार पर अंक प्रदान किए जाते हैं। सबसे अधिक 25 अंक परिमार्जन प्लस पर दिए जाते हैं।
टॉप 3 अंचल कार्यालय
- लक्ष्मीपुर (जमुई) – 91.61 अंक
- हसपुरा (औरंगाबाद) – 91.39 अंक
- बाराहाट (बांका) – 90.07 अंक
फरवरी माह में सिवान के नगरा अंचल ने पहला स्थान प्राप्त किया था, लेकिन इस बार वह टॉप 10 से बाहर हो गया है। वहीं, हसपुरा (औरंगाबाद) लगातार दूसरे स्थान पर बना हुआ है।
टॉप 10 में बांका का दबदबा
बांका जिले के चार अंचल कार्यालय – बाराहाट, अमरपुर, बौंसी और फुल्लीडुमर – टॉप 10 में शामिल हैं। इससे जिले के राजस्व कार्यों में हो रहे सुधार और टीमवर्क का प्रदर्शन स्पष्ट होता है।
टॉप 10 अंचल कार्यालय (मार्च 2025 रैंकिंग)
- लक्ष्मीपुर (जमुई) – 91.61
- हसपुरा (औरंगाबाद) – 91.39
- बाराहाट (बांका) – 90.07
- अमरपुर (बांका) – 88.35
- घाट कुसुम्भा (शेखपुरा) – 88.13
- बौंसी (बांका) – 88.10
- फुल्लीडुमर (बांका) – 88.06
- बैरगनिया (सीतामढ़ी) – 87.12
- शेखोपुर सराय (शेखपुरा) – 86.97
- खुदाबंदपुर (बेगूसराय) – 86.58
फिसड्डी 10 अंचल कार्यालय
दूसरी ओर, गया, पटना और नवादा जिलों के अंचल कार्यालयों की स्थिति कमजोर रही है। गया जिले के वजीरगंज, बोधगया और सदर अंचल कार्यालय टॉप 10 सबसे कमजोर कार्यालयों में शामिल हैं।
- वजीरगंज (गया) – 55.87
- चौगाई (बक्सर) – 55.83
- रहिका (मधुबनी) – 55.69
- पुनपुन (पटना) – 55.16
- बिहटा (पटना) – 54.19
- बोधगया (गया) – 52.39
- संपतचक (पटना) – 50.84
- सदर गया (गया) – 50.80
- औरंगाबाद सदर – 49.27
- अकबरपुर (नवादा) – 49.13
लगातार समीक्षा से कार्यप्रणाली में सुधार
विभाग द्वारा लगातार की जा रही मॉनिटरिंग और रैंकिंग से अंचल कार्यालयों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा का माहौल बना है। इससे सेवाओं की गुणवत्ता और गति दोनों में सुधार देखने को मिल रहा है।