मत्स्य पालन के विकास हेतु योजनाओं की प्रगति पर समीक्षा बैठक संपन्न, निदेशक ने अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
मत्स्य निदेशक अभिषेक रंजन की अध्यक्षता में राज्य एवं केंद्र प्रायोजित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा हेतु भोजपुर, भागलपुर, कैमूर और सिवान जिलों की समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य एवं केंद्र प्रायोजित योजनाओं का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में मत्स्यपालन को बढ़ावा देना और लाभार्थियों की आय में वृद्धि करना है। उन्होंने सभी अधिकारियों को योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और सक्रियता बनाए रखने के निर्देश दिए।
भोजपुर जिले की समीक्षा
भोजपुर जिले की समीक्षात्मक बैठक में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और अन्य राज्य व केंद्र प्रायोजित योजनाओं की समीक्षा की गई। सर्वप्रथम पोर्टल पर निबंधन कार्य की प्रगति का मूल्यांकन किया गया। निदेशक मत्स्य ने सभी प्रखंडों के लिए लक्ष्यों का निर्धारण करते हुए समयबद्ध तरीके से निबंधन कार्य पूरा करने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत उन अवयवों पर विशेष ध्यान दिया गया जहां लक्ष्य के अनुरूप आवेदन अप्राप्त हैं।
निदेशक ने संबंधित क्षेत्रीय अधिकारियों (मत्स्य प्रसार पदाधिकारी एवं मत्स्य विकास पदाधिकारी) को शत-प्रतिशत आवेदन सृजित करने का निर्देश दिया। साथ ही, लाभुकों की जानकारी को पोर्टल पर अद्यतन करने का निर्देश दिया गया। राज्य के विभिन्न जिलों में माननीय मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तावित यात्रा को ध्यान में रखते हुए योजनाओं की तैयारियों की भी समीक्षा की गई। बैठक में सभी अधिकारियों को योजनाओं के लक्ष्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने का निर्देश दिया गया।
भागलपुर एवं कैमूर जिलों की समीक्षा
भागलपुर और कैमूर जिलों की समीक्षात्मक बैठक में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत रियरिंग तालाब निर्माण और नया तालाब निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई। निदेशक ने इन अवयवों के कार्यों को समय पर पूरा करने और लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
सिवान जिले की समीक्षा
सिवान जिले में आयोजित बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत रियरिंग तालाब निर्माण और नया तालाब निर्माण की प्रगति का मूल्यांकन किया गया। निदेशक मत्स्य ने अधिकारियों को लक्ष्यों को शीघ्र पूरा करने और लाभुकों की जानकारी को नियमित रूप से अद्यतन करने पर जोर दिया। बैठक में संबंधित जिलों के नोडल पदाधिकारी, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी, मत्स्य विकास पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, परियोजना समन्वयक (पीएमयू), और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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