भागलपुर में शहादत दिवस पर याद किए गए क्रांतिकारी उधम सिंह
फ्रेंड्स ऑफ तिलकामांझी सामाजिक मित्र मंडली भागलपुर द्वारा स्थानीय तिलकामांझी स्थित कार्यालय में क्रांतिकारी उधम सिंह का 83वाँ बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन संपन्न हुआ। अध्यक्ष इंदुभूषण झा की अध्यक्षता में संपन्न श्रद्धांजलि समारोह का शुभारंभ क्रांतिकारी उधम सिंह के चित्र के सामने दीप प्रज्वलित कर प्रधान संरक्षक जगतराम साह कर्णपुरी ने किया।
उपस्थित सदस्यों ने चित्र पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर क्रांतिकारी उधम सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। मौके पर जगतराम साह कर्णपुरी ने कहा कि आजादी तो हमें 1947 में मिली,लेकिन स्वतंत्रता संग्राम में जांबाजो के जीवन की आहुति बहुत साल पहले से जारी थी। अंग्रेज हुकूमत से क्रांतिकारियों का जंग जारी था। अंग्रेजों के अत्याचारों का मुंहतोड़ जवाब देने वालों में उधम सिंह का नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है।
सचिव रजनीश कुमार सिंह ने श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उधम सिंह का बचपन का नाम शेर सिंह था। उन्होंने लंदन जाकर भारतीयों की हत्या का बदला चुकाया। श्रद्धांजलि समारोह की अध्यक्षता करते हुए इंदुभूषण झा ने कहा कि अंग्रेजों के अत्याचारों का मुंहतोड़ जवाब देने वालों में उधम सिंह का नाम शामिल है। क्रांतिकारी उधम सिंह ने अंग्रेज अधिकारी माइकल ओ डायर की नृशंसता का बदला लेने के लिए लंदन जाकर उसे मौत के घाट उतार दिया था।
यह वही डायर था जिसने 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग में निर्दोष स्त्री-पुरुषों पर गोलियां बरसाने का आदेश दिया था।
इसके अलावा बलिदान दिवस को राज कुमार झा, अजय वर्मा, राणा पोद्दार, पवन कुमार यादव, अमीत कुमार सरस्वती, दीपक कुमार, अमीत प्रताप सिंह, रोहित यादव, चंदन झा, सुमन भारती, प्रतीक आनंद, प्रतीक कुमार समेत अन्य सदस्यों ने भी संबोधित किया।
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