कोलकाता के आर.जी.कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद गुस्साए जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन सोमवार को 17वें दिन भी जारी रहा।
बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधिमंडल की एक महत्वपूर्ण बैठक राज्य सचिवालय नबन्ना में आज शाम को होने वाली है।
हालांकि राज्य सरकार ने पहले कहा था कि बैठक में भाग लेने के लिए भूख हड़ताल वापस लेनी होगी। मगर इस मुद्दे पर आंदोलन की अगुवाई करने वाले पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट (डब्ल्यूबीजेडीएफ) ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे इस शर्त को स्वीकार नहीं कर रहे हैं और उनका प्रतिनिधिमंडल भूख हड़ताल वापस लिए बिना ही बैठक में भाग लेगा।
बैठक के लिए कुल 45 मिनट का समय निर्धारित किया गया है।
पहले दिन से भूख हड़ताल में भाग लेने वाले जूनियर डॉक्टरों में से एक सायंतनी घोष हाजरा ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल सकारात्मक सोच के साथ मुख्यमंत्री के साथ बैठक में भाग लेने जाएगा।
उन्होंने कहा, “मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि भूख हड़ताल पर बैठे लोगों को छोड़कर बाकी सभी अपनी चिकित्सा सेवा ड्यूटी पर वापस आ गए हैं। इसलिए कोई यह नहीं कह सकता कि चिकित्सा सेवाएं बाधित हो रही हैं। इसलिए हमें उम्मीद है कि इस मुद्दे पर हमारी मांगें आखिरकार पूरी होंगी।”
फिलहाल कुल सात जूनियर डॉक्टर भूख हड़ताल पर हैं। इनमें से सात सेंट्रल कोलकाता के एस्प्लेनेड स्थित मंच पर हैं और एक दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी स्थित नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के परिसर में है।
अब तक, 5 अक्टूबर की शाम से शुरू हुई भूख हड़ताल में हिस्सा ले रहे छह जूनियर डॉक्टरों की तबीयत बहुत खराब हो गई है, इसलिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है।
प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों की 10 सूत्री मांगों में सबसे विवादास्पद मांग राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम को हटाना है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने जूनियर डॉक्टरों से फोन पर बातचीत के दौरान साफ कहा कि उनकी ओर से इस मांग को पूरा करना संभव नहीं होगा।