राजनीति में बवंडर क्या होता है… यह एक कविता ने जाहिर कर दिया. कविता जब राइट हैंड ने लिखी हो और निशाने पर आका हों तो वह कविता सामान्य कविता नहीं रह जाती. वह कविता खास हो जाती है और फिर राजनीति में बवंडर लेकर आती है. वैसे तो बिहार की राजनीति में बवंडर के लिए इंतजार नहीं करना होता है लेकिन चंद दिनों पहले भूमिहारों को लेकर अपनी खास टिप्पणी को लेकर चर्चा में रहने वाले अशोक चौधरी ने तो गर्दा कर दिया. दरअसल, अब अपने नए संस्करण में अशोक चौधरी ने एक कविता लिखी है और कविता के मजमून को देखकर ऐसा लगता है कि निशाने पर नीतीश कुमार हैं. जेडीयू में खलबली तो मचनी ही थी. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री आवास तलब कर फटकार लगाई है।
अशोक चौधरी ने जो कविता लिखी है, उसका मजमून कुछ इस प्रकार है:
बच्चे बड़े होने पर वो ख़ुद के निर्णय लेने लगे तो उनके पीछे लगना,छोड़ दीजिए.
गिने चुने लोगों से अपने विचार मिलते हैं, यदि एक दो से नहीं मिलते तो उन्हें छोड़ दीजिए.
एक उम्र के बाद कोई आपको न पूछे या कोई पीठ पीछे आपके बारे में गलत कह रहा है तो दिल पर लेना छोड़ दीजिए.
अपने हाथ कुछ नहीं, ये अनुभव आने पर भविष्य की चिंता करना छोड़ दीजिए.
यदि इच्छा और क्षमता में बहुत फर्क पड़ रहा है तो खुद से अपेक्षा करना छोड़ दीजिए. हर किसी का पद, कद, मद, सब अलग है इसलिए तुलना करना छोड़ दीजिए.
बढ़ती उम्र में जीवन का आनंद लीजिए, रोज जमा खर्च की चिंता करना छोड़ दीजिए.
उम्मीदें होंगी तो सदमे भी बहुत होंगे, यदि सुकून से रहना है तो उम्मीदें करना छोड दीजिए.
अशोक चौधरी की कविता पढ़कर ऐसा लग रहा है कि उन्होंने नीतीश कुमार को निशाने पर लेते हुए यह लेखनी की है और उन पर तंज कसा है. कविता का करंट मुख्यमंत्री निवास तक पहुंचा तो नीतीश कुमार ने सरकारी आवास पर बुलाकर अशोक चौधरी को कड़ी फटकार लगाई है. अब जेडीयू की ओर से प्रवक्ता नीरज कुमार ने अशोक चौधरी की कविता को लेकर पार्टी की ओर से सफाई पेश की है. नीरज कुमार का कहना है कि नीतीश कुमार पर कोई निशाना नहीं साध रहा है. वे राज्य की जनता के दिलों में बसते हैं और 19 साल से मुख्यमंत्री हैं।
नीरज कुमार ने नीतीश कुमार को ग्लोबल थिंकर और क्लाइमेट चेंजर बताते हुए कहा कि उनकी साख पर कैसे कोई सवाल खड़े कर सकता है. नीरज कुमार ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार जेडीयू ही नहीं, बिहार की पहचान बन गए हैं. नीरज कुमार ने चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि अगर कोई नीतीश कुमार पर छंद और दोहा का इस्तेमाल करता है तो उसे जवाब सुनने के लिए भी तैयार होना चाहिए।
कुछ दिनों पहले ही अशोक चौधरी ने भूमिहारों पर ऐसी टिप्पणी कर दी थी कि पार्टी को सफाई देने में पूरी ताकत का इस्तेमाल करना पड़ गया था. अशोक चौधरी के बयानों से पार्टी की बहुत ही किरकिरी हुई थी. इस बार तो अशोक चौधरी ने सीधे नीतीश कुमार को निशाने पर ले लिया है तो जाहिर है कि पार्टी पर विपक्षियों को हमले का मौका मिल जाएगा. मुख्य विपक्षी दल राजद इस मौके को चूकने नहीं देगा।