बख्तियारपुर में भी बनेगा रीवर फ्रंट : CM नीतीश ने लगाई मुहर, 9 योजनाओं को दी मंजूरी

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बिहार के CM नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में बख्तियारपुर में गंगा नदी की पुनर्जीवित पुरानी धार के दायें तट पर सीढ़ी घाट, रीवर फ्रंट के निर्माण, सोन नहर प्रणाली अंतर्गत पूर्वी लिंक नहर का पुनर्स्थापन एवं लाईनिंग कार्य सहित जल संसाधन विभाग की कुल 9 योजनाओं की मंजूरी मिल गई है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर जल संसाधन विभाग ने बख्तियारपुर में गंगा नदी की पुरानी धार को पुनर्जीवित किया है। अब माननीय सीएम ने अब वहां सीढ़ी घाट के साथ पक्के प्रोटेक्शन कार्य कराने के निर्देश दिये हैं, ताकि वहां छठ एवं अन्य पर्व-त्योहारों के अवसर पर आसपास के कई प्रखंडों से बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को स्नान एवं धार्मिक अनुष्ठान में सुविधा हो। इस कार्य से गंगा नदी में अत्यधिक जलश्राव के दौरान इस स्थल पर कटाव की संभावना को रोका जा सकेगा और बख्तियारपुर शहर को गंगा नदी की बाढ़ से अतिरिक्त सुरक्षा मिलेगी। योजना की प्राक्कलित राशि 56 करोड़ 06 लाख रुपये है।

जल संसाधन विभाग की एक अन्य महत्वाकांक्षी योजना के तहत सोन नहर प्रणाली अंतर्गत पूर्वी लिंक नहर (कुल लंबाई 10.20 किमी) का पुनर्स्थापन और लाईनिंग कार्य कराया जाएगा। इस कार्य से पटना मुख्य नहर एवं पूर्वी सोन उच्चस्तरीय नहर में जलस्राव उपलब्ध कराने में आसानी होगी। इससे पूर्वी तरफ निर्मित नहर प्रणालियों में अंतिम छोर तक जलस्राव उपलब्ध कराते हुए सिंचाई सुविधा सुनिश्चित की जा सकेगी। योजना के कार्यान्वयन से 1539 हेक्टेयर कृष्य कमाण्ड क्षेत्र में प्रत्यक्ष लाभ एवं 1,64,102 हेक्टेयर कमाण्ड क्षेत्र को अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। इससे पटना जिले के पालीगंज, दुल्हिनबाजार, नौबतपुर, बिहटा और बिक्रम प्रखंड, औरंगाबाद जिले के बारूण, औरंगाबाद, गोह, रफीगंज, ओबरा, दाउदनगर और हसपुरा प्रखंड, गया जिले के कोंच और टेकारी प्रखंड तथा अरवल जिले के कलेर और अरवल प्रखंड के किसान लाभान्वित होंगे। योजना की प्राक्कलित राशि 235 करोड़ 24 लाख 97 हजार रुपये है।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 1873-74 में सोन नदी पर डिहरी के पास एनीकट (वीयर) के साथ-साथ पूर्वी तरफ पटना मुख्य नहर, पश्चिमी तरफ पश्चिमी मुख्य नहर एवं इसके वितरण प्रणाली का निर्माण किया गया था। समय के साथ कृषि की सघनता में वृद्धि को देखते हुए वर्ष 1967-68 में इस स्थल से 8.00 किमी अपस्ट्रीम में इन्द्रपुरी बराज का निर्माण किया गया एवं पूर्व निर्मित पटना मुख्य नहर/ पश्चिमी मुख्य नहर को लिंक नहरों के माध्यम से जोड़ दिया गया था। इसके बाद सोन नहर आधुनिकीकरण योजना के तहत पुराने कमाण्ड क्षेत्र की तुलना में अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्र में पटवन के लिए लिंक नहर से पूर्वी एवं पश्चिमी सोन उच्चस्तरीय नहर का निर्माण किया गया।

समय बीतने के साथ नहरों के सेक्शन में क्षरण हुआ, जिसके परिणामस्वरूप नहरों के अंतिम छोर तक सिंचाई सुविधा पहुँचाने में कठिनाई होने लगी। इसके मद्देनजर पश्चिमी तरफ निर्मित लिंक नहर का पुनर्स्थापन एवं लाईनिंग कार्य वर्ष 2016 से प्रारंभ कर पूर्ण कराया जा चुका है, जिससे रोहतास, कैमूर, बक्सर एवं भोजपुर जिलों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने में आसानी हो रही है। इसी तरह पूर्वी तरफ निर्मित, पूर्वी लिंक नहर में पुनर्स्थापन एवं लाईनिंग कार्य कराने की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।

पूर्वी लिंक नहर (कुल लंबाई 10.20 कि०मी०) का पुनर्स्थापन एवं लाईनिंग कार्य हो जाने से पटना मुख्य नहर एवं पूर्वी सोन उच्चस्तरीय नहर में जलस्राव उपलब्ध कराये जाने में आसानी होगी। इससे पूर्वी तरफ निर्मित वितरण प्रणालियों में अंतिम छोर तक जलस्राव उपलब्ध कराते हुए सिंचाई सुविधा सुनिश्चित की जा सकेगी। नहर निरीक्षण एवं ग्रामीणों के आवागमन के दृष्टिकोण से पूर्वी लिंक नहर के 7.46 किमी लंबाई में बिटूमिनस सेवापथ के निर्माण का भी प्रावधान किया गया है।

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