RJD ने की थी JDU-BJP विधायकों को खरीदने की कोशिश

GridArt 20240824 142244409GridArt 20240824 142244409

9 महीने पहले यानि इसी साल जनवरी में बिहार में जेडीयू-बीजेपी की सरकार बनने के दौरान आरजेडी नेताओं ने विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश की थी. इसके लिए बड़े पैमाने पर पैसे का खेल हुआ था. विधायकों की कथित-फरोख्त की जांच कर रही बिहार सरकार की आर्थिक अपराध इकाई यानि ईओयू ने पैसे का खेल होने की पुष्टि कर दी है.

ईडी को सौंपी गयी जांच

आर्थिक अपराध इकाई के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि कोतवाली थाने में दर्ज मामले की जांच ईओयू को सौंपी गयी थी. ईओयू ने अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंप दी है. इस रिपोर्ट में पैसे के लेन-देन और मनी लांड्रिंग की बात सामने आयी है. लिहाजा ईडी को इसकी जानकारी दी गयी है. ईडी इसकी जांच पड़ताल करेगी.

ईओयू के डीआईजी ने कहा कि इस मामले में कई लोगों के बयान दर्ज किये गये हैं. लेकिन अभी और अनुसंधान होना बाकी है. अनुसंधान की बातें मीडिया को नहीं बतायी जा सकती है. जब जांच पूरी हो जायेगी तब पूरी जानकारी दी जायेगी.

तेजस्वी के करीबियों पर गिरेगी गाज

सूत्र बता रहे हैं इस मामले में जल्द ही तेजस्वी यादव के बेहद करीबी दो आरजेडी नेताओं पर गाज गिर सकती है. ईओयू सूत्रों ने बताया कि विधायकों को पैसे देने के सबूत मिल गये हैं. जांच में ये भी पता चला है कि पैसे का विदेश से भी कनेक्शन है. विदेश से पैसे मंगवा कर विधायकों को दिया गया. ये तमाम जानकारी ईडी को सौंपी गयी है. सूत्र बता रहे हैं कि जांच में ये पता चला है कि तेजस्वी के बेहद करीबी माने जाने वाले एक ठेकेदार ने इस खेल में सबसे अहम रोल निभाया था.

ईओयू सूत्रों ने बताया कि एनडीए सरकार को गिराने के लिए विधायकों को पैसों का लालच दिया गया और उन्हें विपक्ष द्वारा अपने पाले में करने की तैयारी थी। सूत्रों के मुताबिक.. हॉर्स ट्रेडिंग में शामिल विधायकों को हवाला के जरिए पैसा दिया जाना था. कुछ विधायकों को पेशगी के तौर पर पैसे दिये भी गये थे. बाकी पैसा सरकार गिरने के बाद मिलना था. सूत्रों के मुताबिक झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल से पैसे मंगवा कर विधायकों को खरीदने की कोशिश की गयी थी.

बता दें कि इस साल जनवरी में नीतीश कुमार आरजेडी का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ चले आये थे. उसके बाद बिहार में एनडीए सरकार बनी. इस दौरान जमकर सियासी ड्रामा हुआ था. कई विधायकों ने पाला बदला. नयी सरकार बनने के दौरान ही जेडीयू के विधायक सुधांशु शेखर ने पटना के कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि जेडीयू के ही एक विधायक के जरिये एनडीए विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही है. इसमें तेजस्वी यादव के करीबी लोग शामिल हैं, जो पैसे पर खरीद-फरोख्त में लगे हैं. मामला विधायकों को खरीदने का था, लिहाजा पटना पुलिस ने इसकी जांच ईओयू को सौंप दिया था.

उधर इस मामले की प्राथमिकी दर्ज कराने वाले जेडीयू विधायक सुधांशु शेखर ने कहा कि पैसे के दम पर सरकार गिराने की कोशिश में ट्रेडिंग में 10 लोग शामिल थे. सत्ताधारी विधायकों को पैसे से लेकर पद देने का प्रलोभन दिया गया था. उन्हें बिहार से लेकर जाकर झारखंड में रखने की तैयारी थी. झारखंड में विधायकों के लिए कमरा तक बुक करा लिया गया था. सुधांशु शेखर ने बताया कि इस खेल में कुल 10 लोग शामिल थे.

Related Post
Recent Posts
whatsapp