राज्य में बढ़ते अपराध और विधि-व्यवस्था के खिलाफ राजद ने रविवार को राजभवन मार्च किया। मार्च दोपहर साढ़े बारह बजे वीरचंद पटेल पथ स्थित प्रदेश राजद कार्यालय से निकला और राजभवन जाने के क्रम में आयकर गोलंबर पहुंचा। यहां पुलिस ने बैरिकेडिंग कर प्रदर्शनकारियों को रोक दिया। रोके जाने पर प्रदर्शनकारी राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कुछ देर के लिए धरने पर बैठ गए।
पटना जिला प्रशासन की ओर से राजद के प्रतिनिधिमंडल को राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के लिए राजभवन ले जाया गया। राजद के शिष्टमंडल ने राज्यपाल को 105 आपराधिक घटनाओं की सूची के साथ मांग पत्र सौंपा। राज्यपाल से आपराधिक घटनाओं का संज्ञान लेते हुए हस्तक्षेप और सरकार को निर्देश जारी करने की अपील की। ज्ञापन में आरोप लगाया कि जब से राज्य में दोबारा एनडीए की सरकार बनी है, तब से विधि व्यवस्था की स्थिति खराब है। बढ़ते अपराध के कारण लोगों का जीना दूभर हो गया है। राजद के प्रतिनिधिमंडल में राजद नेता उदय नारायण चौधरी, जयप्रकाश नारायण यादव, भोला यादव, बीनू यादव, विजय कृष्ण, रामानंद यादव, शिवचंद्र राम, विधायक भाई विरेंद्र, रीतलाल यादव, अनिरुद्ध यादव, रेखा देवी पासवान, दीनानाथ सिंह यादव, सतीश कुमार, तनवीर हसन, रणविजय साहू, रितू जायसवाल आदि नेता शामिल थे।
राज्य सरकार पर लगाए कई आरोप
प्रदर्शन के दौरान राजद नेताओं ने विपक्षी दलों के आंदोलन को दबाने के लिए लाठीतंत्र और पुलिसिया दमन का सहारा लेने, अपराधियों पर कार्रवाई को लेकर गंभीर नहीं होने के आरोप लगाया। राजभवन मार्च में माहताब आलम, आजाद गांधी, उदय मांझी, मृत्युंजय तिवारी, प्रमोद सिन्हा, सारिका पासवान, ई. अशोक यादव, नंदू यादव, निराला यादव, बल्ली यादव, प्रेम कुमार गुप्ता, विनोद यादव, डॉ. राहुल सिंह, राजेश पाल, शिवेन्द्र कुमार तांती, नीतू कुमारी, गीता पासवान, अनीता देवी सहित बड़ी संख्या में नेता व कार्यकर्ता शामिल हुए।