बिहार में 40 लोकसभा सीटों पर इस बार सात चरणों में मतदान हुआ. 10 अप्रैल 2024 को पहले चरण में चार, 26 अप्रैल को दूसरे चरण में पांच, सात मई को तीसरे चरण में पांच, 13 मई को चौथे चरण में पांच, 20 मई को पांचवें चरण में पांच, 25 मई को छठे चरण में आठ और 01 जून को सातवें चरण में आठ सीटों पर वोटिंग हुई.
2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो आरजेडी का खाता नहीं खुला था. हालांकि इस बार रिजल्ट से पहले जो एग्जिट पोल के आंकड़े आ रहे हैं उससे ऐसा माना जा रहा है कि इस बार खाता खुल सकता है लेकिन तेजस्वी यादव के लालटेन की रोशनी धीमी ही रहेगी.
मिशन में कामयाब होते नहीं दिख रहे तेजस्वी?
दरअसल बिहार में 40 लोकसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन की ओर से सिर्फ दो नेता तेजस्वी यादव और वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ही चुनाव प्रचार में दिखे. चुनावी सभा में लाखों की संख्या में लोगों की भीड़ भी दिखी. तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी ने चुनाव प्रचार के दौरान एक से एक वादे किए और बीजेपी पर हमला किया. 40 सीटों पर जीत का दावा भी किया, लेकिन एबीपी सी वोटर समेत कुछ एग्जिट पोल के आंकड़े बता रहे हैं कि तेजस्वी यादव अपने मिशन में बहुत ज्यादा कामयाब होते नहीं दिख रहे हैं.
क्या कहता है एबीपी सी वोटर का एग्जिट पोल?
एबीपी सी वोटर के एग्जिट पोल के अनुसार बिहार में एनडीए को 52 फीसद, इंडिया गठबंधन को 39 फीसद और अन्य को 9 फीसद वोट मिलने की संभावना है. एग्जिट पोल के अनुसार बिहार की 40 सीटों में से एनडीए को 34-38, इंडिया गठबंधन को 3-5 और अन्य को 0 सीटें मिलती दिख रही हैं. हालांकि इन आंकड़ों को देखें तो एनडीए को थोड़ा नुकसान जरूर होता दिख रहा है.
एबीपी सी वोटर के एग्जिट पोल के अलावा रिपब्लिक भारत और मैटरिज के अनुमान के मुताबिक बिहार में एनडीए को जहां 32 से 37 सीटें मिलती दिख रही हैं तो वहीं इंडिया गठबंधन को 2 से 7 सीटें मिलने का अनुमान है. इसके अलावा इंडिया न्यूज-डी डायनामिक्स ने 40 में एनडीए को 33 सीटें दी हैं वहीं इंडिया को 7 सीट जीतने का अनुमान जताया है.
इन आंकड़ों से ऐसा लग रहा है कि तेजस्वी यादव ने शायद जितना सोचा था वह उतनी सीटों पर हाथ मारते नहीं दिख रहे हैं. हालांकि फाइनल नतीजा चार जून को आएगा. तेजस्वी यादव ने शनिवार (01 जून) को एक्स पर दावा किया है कि जनता का एग्जिट पोल 295+ है. ऐसे में देखना होगा कि फाइनल नतीजा सभी पार्टियों के लिए कैसा रहने वाला है.