पत्रकारों पर भड़के राजद के विधायक फतेह बहादुर, ‘कहा पहले पूजा का मतलब जानो’

Fateh Bahadur

मंदिर को लेकर पहले विवादित पोस्टर और अब विवादित बयान लालू यादव की पार्टी राजद के विधायक फतेह बहादुर ने दिया है। मीडिया से बातचीत के दौरान पत्रकारों पर भी भड़क गए। उन्हें बीजेपी का एजेंट बता डाला। दरअसल पत्रकारों ने उनसे पूछा था कि जब आप खुद मंदिर जाते हैं, तो लोगों को क्यों मना करते हैं। जिसके जवाब में फतेह बहादुर ने कहा कि मैं मंदिर जाता हूं, लेकिन शिक्षा के मंदिर में जाता हूं। और वहां पूजा करता हूं। ऐसी जगह नहीं जाता जहां से अंधविश्वास फैलता हो। पत्रकार को अज्ञानी बताते हुए कहा कि पूजा का मतलब होता है। पहले जानो फिर मानो।

यही नहीं फतेह बहादुर से इस मुद्दे पर शंकराचार्य से भी चर्चा करने की चुनौती दे डाली। और कहा कि ये लोग अंधविश्वास फैलाने वाले हैं। राजद विधायक ने कहा कि मंदिर जाने से कितने लोग आईएएस बनेंगे, कितने लोग आईपीएस बनेंगे, कितने डॉक्टर बनेंगे, कितने प्रोफेसर बनेंगे। जिसकी जिसमें आस्था हो वहां जाए। हमारी आस्था शिक्षा के मंदिर में है। इसलिए हम वहां जाते हैं। साथ ही फतेह बहादुर ने लाखों शिक्षकों से भी अपील की है।

आरजेडी विधायक ने कहा कि 22 जनवरी जिस दिन रामलला प्राण प्रतिष्ठा है। उसी दिन शिक्षा के मंदिरों में शिक्षा के लाखों पुजारी मोमबत्ती जलाकर उसे प्रकाशित करें। खास तौर से वो शिक्षक जिन्हें बिहार सरकार की ओर से नियुक्ति पत्र मिले हैं। फतेह बहादुर ने कहा कि शिक्षा के बिना विकास संभव नहीं है। यही बात सावित्री बाई फुले, भीमराव आंबेडर ने कही थी। कि जिस दिन मंदिर की भीड़ स्कूलों की तरफ मु़ड़ जाएगी। उस दिन भारत को महान बनने से कोई रोक नहीं सकता है। इसलिए देश के लोग भी 22 जनवरी को देश को महान बनाने की तरफ एक कदम आगे बढ़ा कर देश के स्कूलों में उजाला कर दो।

आपको बता दें इससे पहले फतेह बहादुर के उस पोस्टर पर भी काफी विवाद हुआ था। जिसमें लिखा था कि मंदिर का रास्ता मानसिक गुलामी की ओर रास्ता है। जिसका समर्थन बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने भी किया था। जिसके बाद पटना के पुलिस थाने में चंद्रशेखर के खिलाफ हिंदूवादी संगठन ने मामला दर्ज कराया है।

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.
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