मार्च तक मिलेगा आरजेडी को नया प्रदेश अध्यक्ष
पटना: राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पार्टी से नाराज होने की खबर आ रही थी. पिछले 25 नवंबर से जगदानंद सिंह ने राजद के प्रदेश कार्यालय से अपनी दूरी बना ली थी, लेकिन अब खबर आ रही है कि जगदानंद सिंह की नाराजगी खत्म हो गई है. वे आज पार्टी कार्यालय आ सकते हैं. इस तरह से उनकी नाराजगी की अटकलों पर विराम लग गया है.
मार्च तक मिलेगा आरजेडी को नया प्रदेश अध्यक्ष
पार्टी के प्रदेश महासचिव भाई अरुण ने कहा कि जगदानंद सिंह कल तक पार्टी कार्यालय नहीं आए थे. नाराजगी के सवाल पर उनका कहना था कि नाराजगी की जानकारी उन लोगों को नहीं है. लेकिन भाई अरुण ने कहा कि उनका (जगदा बाबू) कार्यकाल आगामी मार्च महीने तक है. इसलिए इस्तीफा की खबर में बहुत ज्यादा सच्चाई नहीं थी.
“अभी पार्टी का सदस्यता अभियान चल रहा है. सदस्यता अभियान के बाद प्रखंड और जिला कमेटी का गठन होगा. उसके बाद प्रदेश कमेटी और अध्यक्ष का चुनाव संपन्न होता है.”- भाई अरुण, प्रदेश महासचिव, आरजेडी
नाराजगी का कारण
जगदानंद सिंह के नाराजगी का कारण बिहार विधानसभा के चार सीटों पर हुए उपचुनाव का रिजल्ट था. चार सीटों पर हुए उपचुनाव में राजद का प्रदर्शन बहुत खराब हुआ था. आरजेडी अपने कोटे की दोनों सीट सहित महागठबंधन कोटे की तीनों सीट पर हार गई थी.
रामगढ़ सीट भी नहीं बचा पाए
यही कारण है कि हार की जिम्मेदारी लेते हुए जगदानंद सिंह ने इस्तीफा देने की इच्छा राष्ट्रीय अध्यक्ष को जाहिर की थी, लेकिन लालू प्रसाद यादव इसके लिए तैयार नहीं हुए. बिहार विधानसभा की चार सीटों पर हुए उपचुनाव में एक सीट रामगढ़ की सीट भी थी. रामगढ़ की सीट जगदानंद सिंह की परंपरागत सीट रही है, जहां से वह छह बार विधायक चुने जा चुके हैं.
छोटे बेटे की हुई हार
इसी सीट पर 2020 के चुनाव में उनके बड़े बेटे सुधाकर सिंह ने जीत हासिल की थी, लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव में सुधाकर सिंह के बक्सर से सांसद बनने के कारण उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. सुधाकर सिंह के इस्तीफे के कारण इस सीट पर उपचुनाव हुआ, जहां से जगदानंद सिंह के छोटे बेटे अजीत सिंह को राजद ने अपना उम्मीदवार बनाया. लेकिन इस उपचुनाव में आरजेडी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. अजीत सिंह तीसरे नंबर पर रहे और इस सीट से बीजेपी के प्रत्याशी की जीत हुई.
‘नहीं रूठे थे जगदा बाबू’
जगदानंद सिंह की नाराजगी दूर होने के सवाल पर प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी से फोन पर बातचीत की तो उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि उनकी पार्टी से कोई नाराजगी नहीं है. पार्टी कार्यालय नहीं आने के कई कारण हो सकते हैं. उनका स्वास्थ्य भी इसका कारण हो सकता है.
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