पटना/पूर्वी चंपारण — बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं और इसी बीच एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का बिहार दौरा सियासी हलचल बढ़ाने वाला साबित हो सकता है। ओवैसी 3 और 4 मई को सीमांचल और पूर्वी चंपारण के मुस्लिम बहुल इलाकों में जनसभाओं को संबोधित करेंगे। उनकी मौजूदगी मुख्य विपक्षी पार्टी राजद (RJD) के लिए बड़ी चुनौती मानी जा रही है।
सीमांचल में फिर से एआईएमआईएम की सक्रियता
ओवैसी का मुख्य फोकस सीमांचल और मुस्लिम बहुल क्षेत्रों पर है। 2020 के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने सीमांचल में शानदार प्रदर्शन करते हुए पांच सीटें जीत ली थीं, जिससे राजद को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था। अब एक बार फिर ओवैसी की सक्रियता से राजद की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है।
ढाका में होगी बड़ी जनसभा
4 मई को ओवैसी पूर्वी चंपारण जिले के ढाका हाई स्कूल मैदान में विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। एआईएमआईएम के तिरहुत संगठन प्रभारी राणा रंजीत ने जानकारी दी कि ओवैसी के साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान और अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे।
राणा रंजीत ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ देश की एकता का प्रदर्शन करना है। उन्होंने कहा, “पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ कदम से कदम मिलाकर खड़ा है। सभी धर्म और समाज एकजुट होकर विदेशी आतंकियों के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं।”
जनता से बड़ी भागीदारी की अपील
पार्टी ने जनता से 4 मई को ढाका में आयोजित जनसभा में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की है। राणा रंजीत ने कहा कि यह अवसर अपने नेता की बात सुनने और एकजुटता का संदेश देने का है।
निष्कर्ष
ओवैसी के बिहार दौरे से न केवल सीमांचल बल्कि पूर्वी बिहार की राजनीति में भी हलचल बढ़ सकती है। अब देखना दिलचस्प होगा कि एआईएमआईएम इस बार क्या नया समीकरण गढ़ने में कामयाब होती है और अन्य दल इससे कैसे निपटते हैं।