15 अगस्त को पटना के गांधी मैदान में होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह का निमंत्रण देने में सरकारी अमले ने बड़ा ही दिलचस्प कारनामा किया है. राजद के एमएलसी सुनील कुमार सिंह को विरोधी दल यानि बीजेपी का नेता बताकर निमंत्रण कार्ड भेज दिया है. ये कार्ड पटना के कमिश्नर कुमार रवि ने सुनील सिंह को भेजा है. इसके बाद सुनील सिंह ने सीधे नीतीश कुमार पर हमला बोला है. सुनील सिंह ने कहा है कि नीतीश कुमार अपने जिले नालंदा के अधिकारी से जानबूझ कर ऐसा काम करवा रहे हैं।
बता दें कि सुनील सिंह बिहार विधान परिषद में सत्तारूढ़ गठबंधन यानि महागठबंधन के उप मुख्य सचेतक हैं. 15 अगस्त 2023 को गांधी मैदान में होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए उन्हें पटना के कमिश्नर कुमार रवि की ओर से निमंत्रण पत्र भेजा गया है. उसमें सुनील सिंह को बिहार विधान परिषद में विरोधी दल का उप मुख्य सचेतक बताया गया है. विरोधी दल यानि भाजपा. इसके बाद सुनील सिंह ने सीधे नीतीश कुमार पर हमला बोला है।
एमएलसी सुनील सिंह ने सोशल मीडिया पर निमंत्रण के कार्ड की तस्वीर डालते हुए लिखा है
“पटना प्रमंडल के आयुक्त कुमार रवि जी,IAS जो राज्य के माननीय मुख्यमंत्री जी वाले नालन्दा जिला के ही मूल निवासी हैं. उनको मैं तहेदिल से धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने स्वतंत्रता दिवस समारोह के आमंत्रण कार्ड पर मुझे सरकार द्वारा निर्गत अधिसूचना के ठीक विपरीत उप मुख्य सचेतक, विरोधी दल का दर्जा दे दिया है. माननीय को न तो माननीय लिखना है और न तो समझना है!यह तो ऊपर से साहब जी का ही आदेश है,तो इसमें तो कोई खास ग्लानि वाली बात नहीं है! चूंकि महाविद्वान रवि साहब भली भांति जानते हैं कि बिहार के माननीय मुख्यमंत्री जी की भृकुटी कतिपय कारणों से मेरे ऊपर हमेशा तनी रहती है अतः उन्होंने अपने आका को खुश करने के ख़्याल से मुझे उप मुख्य सचेतक, विरोधी दल का दर्जा दे दिया है!”
बता दें कि सुनील सिंह पिछले महीने से ही सीधे नीतीश कुमार पर हमला कर रहे हैं. पिछले महीने महागठबंधन विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार ने उन पर भाजपा से सांठगांठ का आरोप लगाया था. उसके बाद लालू यादव ने भी सुनील सिंह को नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी बंद करने की नसीहत दी थी. फिर भी सुनील सिंह इशारों में नीतीश कुमार पर लगातार हमला कर रहे थे. अब स्वतंत्रता दिवस समारोह के कार्ड ने उन्हें नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलने का नया मौका दे दिया है।
सुनील सिंह इस बात पर भी नाराज हैं कि प्रशासन ने जो कार्ड भेजा है उसमें उनके पद के नाम के साथ माननीय नहीं लिखा गया है. जबकि परंपरा यही रही है कि जनप्रतिनिधियों के पद नाम के साथ माननीय लिखा जाता है. लेकिन पटना के कमिश्नर ने ये परंपरा नहीं निभायी।