राजद की दो दिवसीय बैठक शुरू: बिहार में 65 प्रतिशत आरक्षण का कानून रद्द करने को मनोज झा ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम को लेकर गुरुवार 20 जून को राजद की समीक्षा बैठक शुरू हुई. पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सरकारी आवास पांच देशरत्न मार्ग पर बैठक शुरू हुई. दो दिवसीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव कर रहे हैं. बैठक में पूर्व उपमुख्यमंत्री और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी, मनोज झा सहित सभी सांसद और लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार मौजूद हैं।
विधानसभा चुनाव पर भी मंथनः राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि लोकसभा चुनाव परिणाम को लेकर आज बैठक हो रही है. चुनाव परिणाम को लेकर मुख्य रूप से बैठक बुलाई गई है. इसके अलावा पार्टी के संगठन में किस तरीके से और मजबूती हो इसको लेकर भी बैठक में बातचीत होगी. इस बात की भी चर्चा है कि दो दिवसीय समीक्षा बैठक में बिहार विधानसभा के 5 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भी रणनीति पर चर्चा होगी. इसके अलावा 2025 विधानसभा चुनाव में पार्टी और इंडिया गठबंधन किस तरीके से बेहतर प्रदर्शन कर सके उसको लेकर भी मंथन होगा।
विजय सिन्हा पर साधा निशानाः नीट परीक्षा विवाद मामले में मनोज झा ने उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर निशाना चाहते हुए कहा कि बीजेपी के नेताओं को सिर्फ यादव, कुशवाहा, मुसलमान और यदुवंशी ही याद आ रहे हैं. धमकी भरी लहजे में मनोज झा ने यह चेतावनी दी कि यह बीजेपी को बहुत महंगा पड़ेगा. मनोज झा ने कहा कि “इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए. तंत्र उनका, सरकार उनकी और षड्यंत्र भी उनका है. अल्प ज्ञान के कारण भाजपा के और सरकार के अन्य सहयोगी दल के नेता इस तरीके की बात कह रहे हैं.”
नीट परीक्षा कैंसिल होः मनोज झा ने सरकार से मांग की है कि नेट की परीक्षा जिस तरीके से रद्द की गई है उसी तरीके से नीट की परीक्षा भी कैंसिल की जाए. लेकिन, बिहार सरकार सिर्फ जातियां का नाम लेकर राजनीति कर रही है. जहर नहीं घोलना चाहिए. मनोज झा ने कहा कि जिस तरीके की बात देवेश चंद्र ठाकुर कर रहे थे, वैसे ही बात अब विजय कुमार सिन्हा भी करने लगे हैं. मनोज झा ने विजय सिन्हा को उपमुख्यमंत्री पद के लिए अनफिट करार दिया।
हाईकोर्ट का फैसला निराशाजनकः बिहार सरकार के आरक्षण को हाई कोर्ट द्वारा रद्द किए जाने पर मनोज झा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है. तमिलनाडु सरकार को भी इसके लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा था. यही कारण था कि तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया था कि इसको 9वी अनुसूची में शामिल करवाइए. मनोज झा ने कहा कि किन लोगों ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जाति आधारित जनगणना करवाने के समय में भी यही लोग कोर्ट में याचिका दायर किए थे. सभी याचिका करने वालों का संबंध बीजेपी से है।
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