पटना में बवाल, प्रशांत किशोर समेत 700 लोग पर FIR, बिहार बंद का ऐलान
70वीं बीपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर पटना में बवाल मचा है. सोमवार को AISA ने बिहार बंद करने का ऐलान किया है. दूसरी ओर रविवार को गांधी मैदान में प्रदर्शन के खिलाफ प्रशांत किशोर समेत 700 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
क्यों हुई कार्रवाई: बता दें कि प्रशांत किशोर रविवार को परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे छात्रों का समर्थन करते हुए प्रदर्शन में भाग लिए थे. पटना गांधी मैदान में अभ्यर्थियों को गोलबंद किया था. इस दौरान गांधी मैदान में भारी बवाल हुआ. इस मामले में पटना डीएम ने “छात्रों की सभा आयोजित करने को लेकर प्रशांत किशोर समेत 700 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया.”
इनके खिलाफ कार्रवाई: प्रशांत किशोर, जन सुराज के अध्यक्ष मनोज भारती, कोचिंग संचालक रह्मांशु मिश्रा, निखिल मणि तिवारी, सुभाष कुमार ठाकुर, शुभम स्नेहिल, प्रशांत किशोर के 2 बाउंसर, आनंद मिश्रा, आर के मिश्रा, विष्णु कुमार, सुनामी कोचिंग के सुजीत कुमार सहित कुल 21 नामजद और 600–700 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
प्रदर्शन की अनुमति नहीं थी: बीपीएससी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन को लेकर पटना डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने मीडिया को बताया कि “गांधी मैदान में प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गयी थी. इसके बावजूद अभ्यर्थी गांधी मैदान में मौजूद हुए थे.” बता दें कि 28 दिसंबर को जनसुराज ने गांधी मैदान में बीपीएससी के खिलाफ छात्र संसद को लेकर आवेदन दिया था, लेकिन पटना प्रशासन से द्वारा आवेदन स्वीकार नहीं किया गया था।
जबरन गांधी मैदान में घुसे थे अभ्यर्थी: जिला प्रशासन का कहना था कि किसी भी कार्यक्रम और प्रदर्शन के लिए 45 दिन पहले आवेदन करना अनिवार्य है. पटना गांधी मैदान में अन्य कार्यक्रम भी आयोजन किए जा रहे हैं. समय से आवेदन नहीं मिलने के कारण गांधी मैदान में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके बावजूद रविवार को बीपीएससी अभ्यर्थी, शिक्षक और अन्य समर्थक गांधी मैदान का बैरिकेडिंग तोड़कर घुस गए थे।
सीएम हाउस जा रहे थे प्रदर्शनकारी: पटना गांधी मैदान में प्रदर्शन के बाद प्रशांत किशोर अभ्यर्थियों के साथ सीएम हाउस तक मार्च निकाल रहे थे. इसको लेकर जेपी गोलंबर पर 100 से अधिक छात्र जुट गए थे. भीड़ के कारण सड़क जाम हो गया था. पुलिस-प्रशासन के समझाने के बावजूद प्रदर्शनकारी हटने को तैयार नहीं थे. इसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज की।
प्रशांत किशोर के भागने की चर्चा: कहा जाता है कि लाठी चार्ज के बाद प्रशांत किशोर अभ्यर्थी को छोड़कर भाग निकले. जेपी गोलंबर के पास पुलिस ने खुद माइकिंग कर जानकारी दी कि “आपके नेता(प्रशांत किशोर) लौट चुके हैं. ऐसे में आपलोग लौट जाइये नहीं तो कार्रवाई की जाएगी.” लेकिन अभ्यर्थी नहीं माने और प्रशांत किशोर के जाने से नाराज प्रदर्शनकारी उग्र हो गए. छात्रों का कहना था कि प्रशांत किशोर अपनी राजनीतिक चमकाने के लिए छात्रों का इस्तेमाल किया है.
बिहार बंद को भाकपा का समर्थन: इधर, आईसा के बिहार का बंद का समर्थन भाकपा माले ने भी किया है. प्रदेश सचिव कुणाल ने कहा है कि “सरकार का दमनात्मक और अड़ियल रवैया निंदनीय है”. सोमवार को चक्का जाम किए. बता दें कि सुबह में दरभंगा में सप्तक्रांति को घंटों लहेरियासराय स्टेशन पर रोकने की सूचना मिली है।
क्यों हो रहा प्रदर्शन?: 13 दिसंबर 2024 को बीपीएससी पीटी की परीक्षा हुई थी. पटना के बापू केंद्र पर प्रश्न पत्र देर से मिलने का आरोप लगाकर छात्रों ने परीक्षा बहिष्कार कर दिया था. इसके बाद बीपीएससी ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए इस केंद्र की परीक्षा रद्द कर दी और इसे फिर से 4 जनवरी को कराने का फैसला लिया. अन्य केंद्र के अभ्यर्थियों की मांग है कि एक नहीं बल्कि सभी केंद्रों की परीक्षा रद्द करें।
अभ्यर्थियों की मांग: पीटी परीक्षा रद्द करने के साथ नई तारीख की घोषणा की जाए. इसके साथ पेपर लीक और परीक्षा माफिया तंत्र खत्म हो, इसके लिए सख्त कानून बनाया जाए. छात्रों पर लाठीचार्ज के दोषियों को दंडित करने, आंदोलनकारी छात्रों को जेल से रिहा कर फर्जी मुकदमे वापस लेने और मृतक अभ्यर्थी सोनू कुमार के परिजनों को 5 करोड़ का मुआवजा देने की मांग की जा रही है. इसका समर्थन आईसा और भाकमा माले ने भी किया है।
कौन है सोनू?: दरअसल, सोनू कुमार ने 25 दिसंबर को पटना के कंकरबाग में आत्महत्या कर ली. परिजनों का कहना है कि उसने बीपीएससी 70वीं की पीटी परीक्षा दी थी. पिछले तीन साल से परीक्षा की तैयारी कर रहा था. परीक्षा में जिस तरह की घटना हो रही है. इससे आहत होकर अपनी जान ले ली. बता दें कि चर्चित खान सर भी छात्र के घर पहुंचकर शव को कंधा दिया था।
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