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शिक्षकों को अवकाश देने का नियम बदला, अब केवल आवेदन जमा करने से नहीं मिलेगी छुट्टी

बिहार के शिक्षा विभाग में इन दिनों सख्ती बढ़ाई जा रही है. एक के बाद एक करके शिक्षकों व कर्मियों के लिए फरमान जारी किए जा रहे हैं. विभाग में जब से अपर मुख्य सचिव के पद पर सख्त मिजाज के आइएएस अधिकारी के के पाठक की तैनाती हुई है तब से कई निर्देश जारी किए जा चुके हैं. कहीं शिक्षकों के परिधान को लेकर निर्देश जारी हुए तो अब छुट्टी लेने तक के तरीके में बदलाव के निर्देश वाला पत्र जारी किया गया है।

सरकारी स्कूलों के शिक्षक एवं प्रधानाध्यापकों को अब आसानी से अवकाश नहीं मिलेगा. पहले वो अवकाश का आवेदन देकर स्कूल से छुट्टी कर लेते थे लेकिन अब अवकाश लेने की प्रक्रिया में बदलाव कर दिया गया है. पटना में इसे लेकर नया फरमान जारी कर दिया गया है. अब नए निर्देश के तहत शिक्षकों को विभाग के सक्षम पदाधिकारी को अवकाश की सूचना देनी होगी. उनके आवेदन को तभी स्वीकृत किया जायेगा।

कई जगहों से ऐसी शिकायत भी मिली थी कि कई शिक्षक आवेदन देकर स्कूलों में रखते हैं और गायब हो जाते हैं. अगर कोई निरीक्षण किया गया तो आवेदन पेश कर दिया जाता है. नहीं तो वो हाजिरी लगा लेते हैं. अब शिक्षक अवकाश का आवेदन देकर स्कूल से गायब नहीं हो सकते हैं. उन्हें विभाग के सक्षम पदाधिकारी को अवकाश की सूचना देनी होगी, तभी उनका आवेदन स्वीकृत किया जायेगा।

पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार ने जिले के सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापक को पत्र लिखकर कहा है कि प्राय: देखा जा रहा है कि प्रधानाध्यापक एवं शिक्षक द्वारा अवकाश का आवेदन देकर अवकाश का उपभोग किया जा रहा है. अब शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को अवकाश का आवेदन सक्षम पदाधिकारी को देना होगा, तभी उनका अवकाश स्वीकृत किया जायेगा. अवकाश की सूचना सीएल पंजी में अंकित कराना आवश्यक है. अगर किसी को विषम या विशेष परिस्थिति अवकाश लेना है तो इसकी सूचना सक्षम पदाधिकारी को फोन से देनी होगी।

बताते चलें कि के के पाठक शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव बनाए गए हैं. के के पाठक इन दिनों लगातार स्कूलों के औचक निरीक्षण पर हैं. जिलों में भ्रमण करने के दौरान उन्होंने कई जगहों पर खामियां पाई हैं. शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर के के पाठक अधिक गंभीर दिखे हैं. वो लगातार शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को इसे लेकर निर्देश दे रहे हैं।

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