महाराजगंज लोक सभा से निर्दलीय ताल ठोकेंगे सच्चिदानंद राय, जानिए क्या है समीकरण
लोकसभा चुनाव 2024 में बिहार के निर्दलीय प्रत्याशियों ने तमाम बड़ी पार्टीओं की नींद हराम कर रखी है. एकतरफ जहां पप्पू यादव, हीना शहाब जैसे उम्मीदवार मैदान में ताल ठोक रहे हैं. तो वही अब सारण से एमएलसी सच्चिदानंद राय ने भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. सच्चिदानंद राय घोषणा किए हैं कि वे अपने जन्म भूमि क्षेत्र महाराजगंज से इस बार चुनाव लड़ेंगे. उनकी इस घोषणा ने महागठबंधन और एनडीए की टेंशन बढ़ा दी है. चलिए महाराजगंज की सीट के बारें आपको पूरी बात बताते हैं.
सच्चिदानंद राय ने गुरुवार ,11 अप्रैल को निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही. उन्होंने कहा,
“मैं चुनाव लड़ने के लिए राजनीति में नहीं आया हूं. मेरी जन्मभूमि लोकसभा महाराजगंज है और जिला सारण है. निश्चित रूप से मैं एक बेहतर विकल्प देने के लिए राजनीति में आया हूं.एक बार बीजेपी ने विधान परिषद के चुनाव में समर्थन किया तो भारी बहुमत से जीता. हालंकि बीजेपी ने दूसरी बार अपना समर्थन वापस ले लिया तो भी लोगों ने चुना और दो बड़े-बड़े दलों को धत्ता बता दिया.”
सच्चिदानंद राय ने कहा कि
“महाराजगंज लोकसभा को मैंने नहीं चुना है. महाराजगंज की जनता और मेरी जन्मभूमी ने मुझे चुना है. महाराजगंज में जो विकल्प सामने आ रहे हैं उनमें से एक तो तीसरी बार ताल ठोक रहे हैं. महागठबंधन से भी कई लोगों के नाम आ रहे हैं तो जनता के बीच में बड़ी बौखलाहट और कन्फूजन है. मैं हमेशा जनता के बीच में रहता हूं. जब भी कोई मुझे याद करता है तो मैं उनके बीच जाता हूं. मैं जनता की वकालत करने और उनकी मदद करने के लिए सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करता रहता हूं, यहीं मेरा कर्तव्य है उससे मैं खुद को दूर नहीं करूंगा.”
महाराजगंज से जनार्दन सिंह सिग्रीवाल हैं सांसद
महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र से सच्चिदानंद राय का क्या होगा यह तो 4 जून को पता चलेगा. लेकिन इस क्षेत्र के बारे में बात करें तो जातीय समीकरण के अनुसार यह राजपूत बहुल क्षेत्र माना जाता है. यहां करीब 3 लाख राजपूत हैं उसके बाद भूमिहार जाति का नंबर आता है. जब से लोक सभा बना है तब से तक 15 में से 13 सांसद राजपूत जाति के रहे हैं.बाहुबली नेता प्रभुनाथ सिंह इस क्षेत्र से तीन बार सांसद रह चुके हैं. उन्हें 2014 में बीजेपी के जनार्दन सिंह ने हराया था. जिसके बाद से लगातार सांसद बने हुए हैं. एक बार फिर बीजेपी ने तीसरी बार भी उन्हें मौका दिया है. जातीय समीकरण में राजपूत के अलाव दलित जाति का भी वोट ठीक ठाक है.सच्चिदानंद राय की जाति भूमिहार है.महागठबंधन से इस सीट पर अभी उम्मीदवार तय नहीं हुआ है यह सीट कांग्रेस के खाते में गई है.
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