Success StoryMotivation

बिंदिया की ​हिम्मत को सलाम, लेखापाल से बनी एसडीएम, 100 में मिला 70 नंबर, बन गई अफसर

Google news

किसी भी लड़के या लड़की के लिए पढ़ाई के बाद पहला लक्ष्य होता है नौकरी। उसमें भी अधिकांश लोग सरकारी नौकरी के लिए दिन रात मेहनत करते हैं। बिंदिया भी उन्हीं में से एक थी। उसने मैट्रिकी—इंटर की परीक्षा पास करने के बाद पहले आगे की पढ़ाई की और फिर बाद में जी जान लगाकर लेखापाल की नौकरी प्राप्त की। परिवार वाले सरकारी नौकरी मिलने के ​कारण खुश थे, लेकिन बिंदिया को तो अफसर बनना था। यही कारण था कि लेखापाल की नौकरी मिलने के बाद भी बिंदिया सिविल परीक्षा की तैयारी करती रही और एक दिन उसने सफलता का परचम लहरा दिया और एसडीएम बन गई। आइए जाने हैं क्या है बिंदिया की कहानी…

पटवारी से SDM बनीं बिंदिया, RAS में आई है 40वीं रैंक, दो साल में पाई तीसरी सरकारी नौकरी ; बिंदिया बिश्नोई राजस्थान के बीकानेर की रहने वाली हैं. उनके पिता एसएसबी में एएसआई थे. जो अब रिटायर हो चुके हैं. जबकि मां गृहणी हैं. बिंदिया ने साल 2017 में एमए करते समय ही सिविल सर्विसेज एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी थी. उन्होंने साल 2018 में पहली बार राजस्थान प्रशासनिक सेवा की परीक्षा दी थी. जिसमें उनकी 1037 रैंक आई थी. रैंक मन मुताबिक न होने के चलते बिंदिया ने ज्वाइन नहीं किया।

उन्होंने साल 2022 में राजस्थान पटवारी भर्ती परीक्षा और राजस्थान पुलिस सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा एक साथ पास कर ली थी. इधर उन्होंने RAS 2021 का भी एग्जाम दिया था. बिंदिया के सामने सबसे पहले ऑप्शन आया पटवारी और पुलिस सब इंस्पेक्टर में से कोई एक चुनने का. उन्होंने पुलिस सब इंस्पेक्टर की बजाए पटवारी पद पर ज्वाइन करना पसंद किया क्योंकि वह एसडीएम बनने के लिए और प्रयास करना चाहती थीं. बिंदिया सिविल सर्विसेज सहित अन्य भर्ती परीक्षाएं भी दे रही थीं. बिंदिया बताती हैं कि सिविल सर्विसेज एग्जाम की तैयारी में उनकी रणनीति की सबसे महत्वपूर्ण बात निरंतरता थी. उन्होंने साल 2017 में तैयारी शुरू की थी और उसे 2022 तक जारी रखा. वह नियम रूप से छह से सात घंटे पढ़ाई करती थीं. परीक्षा के समय उनके पढ़ने का समय 10 से 12 घंटे तक हो जाता था।

बिंदिया बताती हैं कि उन्होंने आरएएस के दूसरे प्रयास में लिखने का खूब अभ्यास किया. कई टेस्ट सीरीज और मॉक टेस्ट भी दिए. बिंदिया बताती हैं कि उन्होंने छोटे-छोटे नोट्स तैयार किए थे. उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी एनसीईआरटीर की किताबें पढ़ने से की थी. इंडियन मास्टरमाइंड्स को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि साल 2018 के आरएएस के दौरान मुझमें कुछ कमियां थी. मेन्स में उत्तर लिखने में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी थीं. इसलिए दूसरे प्रयास में रणनीति बदली. उन्होंने यह देखने के लिए कई टॉपर्स की कॉपियां पढ़ी कि उन्होंने कैसे उत्तर लिखे हैं और किस तरह वह अपने उत्तरों में सुधार कर सकती हैं।

RAS के इंटरव्यू में उन्हें 100 में से 70 अंक मिले हैं. वह एक कामकाजी महिला थीं. इसलिए उनकी जॉब प्रोफाइल से जुड़े कई सवाल पूछे गए. उनसे माप के लिए इस्तेमाल होने वाली जरीब (चेन) के प्रकार बारे में भी सवाल पूछा गया था इसके अलावा राजस्थान के इतिहास, वर्तमान मुद्दों और मामलों, जम्मू-कश्मीर में लागू AFSPA अधिनियम से प्रश्न पूछे गए थे. सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले युवाओं को सुझाव देते हुए वह कहती हैं कि कभी हतोत्साहित नहीं होना चाहिए. अपनी कमजोरियों पर काम करें और वह सफलता हासिल करें जिसके आप हकदार हैं।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Sumit ZaaDav

Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी स्पैम कॉल : दूरसंचार कंपनियों ने 50 संस्थाओं को बैन किया, 2.75 लाख कनेक्शन काटे भागलपुर : युवक का अवैध हथियार लहराते फोटो वायरल भागलपुर में पार्षद नंदिकेश ने तुड़वाया वर्षों से बंद पड़े शौचालय का ताला ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से स्कूल परिसर में किया पौधारोपण