PATNA : लगभग 20 दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने लंबी बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता पर फैसला दिया था कि वह शादी नहीं कर सकते हैं। लेकिन साथ रहने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सहमति प्रदान की थी। साथ ही ऐसे जोड़ों के लिए सेफ हाउस का इंतजाम करने और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद बिहार की राजधानी में पहला ऐसा मामला सामने आया, जब दो बालिग लड़कियों ने अपने लेस्बियन रिलेशन को सुरक्षा देने की मांग पटना के महिला थाना से की। लेकिन पटना महिला थाना ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के विपरीत जाते हुए दोनों लड़कियों को जबरन उनके परिजनों के साथ भेज दिया है। अब इस मामले में उन लड़कियों ने जान का खतरा बताते हुए मदद की मांग की है। जिसका मोबाइल स्क्रीन शॉट वायरल हो रहा है।
सीवान की है दोनों लड़कियां
सीवान की रहने वाली दोनो बालिग युवतियां आपस में मौसेरी बहन है जिन्होंने एक साथ जीवन जीने का फैसला कर घर से बीते दिनों माता पिता के मर्जी के खिलाफ घर से निकल भागी और पटना पहुंची रविवार को पटना के महिला थाने पहुंच पुलिस से अपने सुरक्षा की गुहार लगाई है । लेकिन महिला थाना से उन्हें मदद नहीं मिली। बल्कि उसकी जगह परिजनों को बुला दिया गया। जब दोनों ने साथ जाने से इनकार कर दिया तो जबरन उन्हें परिजनों के साथ भेज दिया गया।
पैसे लेने का आरोप
मामले में दोनों लड़कियों में से एक का व्हाट्स अप चैट का एक स्क्रीन शॉट भी सामने आया है। जिसमें उसने महिला थाना पुलिस पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अम्मी से दस हजार रुपए लेकर परिजनों के हवाले कर दिया। इन युवतियों ने बताया कि देर रात मीडिया वालों के जाने के बाद हमलोगों की थाने में जमकर पिटाई की गई और हमारा सामान भी छीन लिया गया। बाद में जबरन परिजनों के साथ गाड़ी में बैठा दिया गया। उस समय हमारा बैग वापस किया गया।
दोनों लड़कियों ने कहा हमारी जान का खतरा बढ़ा
स्क्रीन शॉट में दोनों लड़कियों ने बताया कि हम अपनी सुरक्षा को लेकर पुलिस से मदद मांगने पहुंचे थे। लेकिन, महिला थाने ने पैसे लेकर हमारी जान को और भी खतरे में डाल दिया। दोनों ने मीडिया से मदद मांगी है और कहा है कि वह महिला थाने से हमारे बारे में पूछे कि इसमें क्या कार्रवाई की गई।
यह है सुप्रीम कोर्ट का आदेश
समलैंगिकता पर सुप्रीम कोर्ट से कुछ दिन पहले बड़ा फैसला आया था। जिसमें सीजेआई ने कहा, केंद्र और राज्य सरकार इस बात का ध्यान रखे की समलैंगिक समुदाय के खिलाफ किसी भी तरह का भेदभाव न हो। CJI ने केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि इनके लिए सेफ हाउस, डॉक्टर के ट्रीटमेंट, एक हेल्पलाइन फोन नंबर जिस पर वो अपनी शिकायत कर सकें, सामाजिक भेदभाव न हो, पुलिस उन्हे परेशान न करें, अगर वे घर न जाएं तो उन्हें जबरदस्ती घर ना भेजे।
सीजेआई ने कहा कि समलैंगिक अधिकारों के बारे में जनता को जागरूक करें. समलैंगिक समुदाय के लिए हॉटलाइन बनाए। समलैंगिक जोड़े के लिए सुरक्षित घर बनाएं. सुनिश्चित करें कि अंतर-लिंगीय बच्चों को ऑपरेशन के लिए मजबूर नहीं किया जाए. किसी भी व्यक्ति को किसी भी हार्मोनल थेरेपी से गुजरने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।