पटना। जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा ने कहा है कि मैथिली भाषा का संरक्षण एवं संवर्धन शुरू से मेरी शीर्ष प्राथमिकता रही है। इसे शास्त्रीय भाषा की कोटि में शामिल करने का आधार मैंने वर्ष 2018 में ही तैयार करवा दिया था।
संजय झा ने सोमवार को बताया कि मेरे प्रयासों से केंद्र सरकार द्वारा गठित मैथिली के विद्वानों की विशेषज्ञ समिति ने 31 अगस्त 2018 को पूर्ण की गई अपनी रिपोर्ट में जो 11 सिफारिशें की थीं, उनमें पहली सिफारिश थी। ‘मैथिली भाषा लगभग 1300 वर्ष पुरानी है और इसके साहित्य का विकास स्वतंत्र रूप से अनवरत होता रहा है। अत इसे शास्त्रत्त्ीय भाषा की कोटि में रखा जाये।’ पिछले छह वर्षों में समिति की कुछ सिफारिशों पर काम हुए हैं, लेकिन इसे शास्त्रीय भाषा का दर्जा नहीं मिल पाया है। अब समिति की सिफारिशों के अनुरूप मैथिली को शास्त्रत्त्ीय भाषा का दर्जा दिलाने के लिए जल्द ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद प्रधान से मिलूंगा।