पूर्वी चंपारण, बिहार: सीमित संसाधनों और साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि को पीछे छोड़ते हुए पूर्वी चंपारण के संजीव कुमार ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की प्रतिष्ठित परीक्षा में 583वीं रैंक हासिल कर पूरे जिले और राज्य का नाम रोशन कर दिया है। संजीव का यह शानदार प्रदर्शन न केवल उनके परिवार बल्कि हजारों युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गया है।
संजीव कुमार घोड़ासहन प्रखंड के भारत-नेपाल सीमा से सटे गांव पीठवा के निवासी हैं। उनके पिता सुनील कुशवाहा शहर में एक छोटी सी परचून की दुकान चलाते हैं और मां सुनीता कुमारी एक गृहिणी हैं। मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले संजीव ने अपने दूसरे प्रयास में यह सफलता अर्जित की है।
शैक्षणिक सफर और संघर्ष
संजीव की प्रारंभिक शिक्षा इंडियन पब्लिक स्कूल से हुई। वर्ष 2017 में उन्होंने ज्ञान ज्योति स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा 95% अंकों के साथ उत्तीर्ण की। इसके बाद 2019 में केंद्रीय विद्यालय, केशव पुरम (नई दिल्ली) से इंटरमीडिएट (साइंस) में 95.6% अंक प्राप्त किए। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक किया और 2022 में 72.6% अंकों के साथ डिग्री प्राप्त की।
UPSC की तैयारी उन्होंने स्नातक के बाद शुरू की। पहले प्रयास में वे मेंस परीक्षा तक पहुंचे लेकिन चयन नहीं हो पाया। उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी रणनीति सुधारते हुए दूसरे प्रयास में शानदार प्रदर्शन किया।
10 घंटे की मेहनत और डिजिटल लर्निंग बनी सफलता की कुंजी
संजीव ने बताया कि वे रोजाना करीब 10 घंटे की पढ़ाई करते थे। उन्होंने कोचिंग संस्थानों की मदद ली और यूट्यूब जैसे डिजिटल माध्यमों से भी काफी ज्ञान अर्जित किया। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, गुरुजनों और पूरे परिवार को दिया।
गांव में जश्न का माहौल
संजीव की सफलता से पूरे गांव और प्रखंड क्षेत्र में जश्न का माहौल है। लोग उनके घर पहुंचकर उन्हें बधाई दे रहे हैं। सीमित संसाधनों में पढ़ाई कर सफलता हासिल करने वाले संजीव आज युवाओं के लिए एक जीवंत उदाहरण बन चुके हैं।