Sawan Special 2023: सुल्तानगंज से जल लेकर कावड़िये 105 किमी पैदल चलकर पहुंचते हैं बाबा बैद्यनाथ मंदिर
आज विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले का पांचवां दिन है. शिवभक्त श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ रही है. सुल्तानगंज से जल लेकर कच्ची कांवरिया पथ होते हुए 105 किलोमीटर दूरी तय कर देवघर पहुंच कर बाबा भोले का जलाभिषेक करते हैं।
बांका जिले में 55 किलोमीटर कांवरिया है जो धौरी से दुसाम्मा तक है. बोल बम के नारों के बीच कांवरिया पथ पर श्रद्धालु धौरी होते हुए देवघर जाते हैं. बांका डीएम अंशुल और एसपी डॉ सत्यप्रकाश कांवरिया से खुद पूछकर कांवरिया पथ पर सुविधाओं की जानकारी लेते रहते है।
जिला पदाधिकारी, बांका द्वारा कांवरिया श्रद्धालुओं से वार्ता की गई. जिला पदाधिकारी द्वारा श्रद्धालुओं से उनकी कावड़ यात्रा के बारे में जानकारी ली गई. जिला पदाधिकारी के द्वारा श्रद्धालुओं से टेंट सिटी में जाने तथा रास्तों में गंगा को महीन बालू बिछाई गई है. इस बारें में श्रद्धालुओं द्वारा बताया गया कि इस बार काफी अच्छी व्यवस्था की गई है. पहले सड़क पर बड़े-बड़े कंकर रहते थे. जिससे यात्रा में काफी तकलीफ होती थी. वहीं दूसरे श्रद्धालु ने बताया कि इस बार पिछली बार से ज्यादा पानी के पॉइंट्स लगाए गए हैं. इस बार पहले से काफी बेहतर सुविधा है।
जिला पदाधिकारी अंशूल कुमार द्वारा सभी पदाधिकारियों को संपूर्ण कांवरिया पथ पर अपने-अपने आवंटित क्षेत्र में लगातार भ्रमण करते रहने के निर्देश दिए गए है ताकि किसी भी कांवरिया श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई समस्या ना हो. उन्हें अगले साल से और बेहतर सुविधा दी जा सके. जिला पदाधिकारी स्वयं हर छोटे-छोटे बिंदुओं पर नजर बनाए हुए हैं ताकि कावड़िया यात्रियों को बेहतर सुविधा दी जा सके।
विदित हो कि इस बार कांवड़ियां श्रद्धालुओं के लिए संपूर्ण कांवरिया पथ पर कटोरिया स्थित जिला नियंत्रण कक्ष बनाये गये है. जहां 24 घंटे कर्मी अधिकारी कांवरियों की सेवा में लगे रहते हैं और पूरे कांवरिया पथ का मॉनिटरिंग करते हैं. कुल 16 अस्थाई चिकित्सा केंद्र स्थापित किए गए हैं।
सड़क मार्ग द्वारा वाहनों से जाने वाले कांवरिया श्रद्धालुओं के वाहनों को खड़े करने हेतु बांका जिला अंतर्गत 15 पार्किंग स्थल बनाए गए हैं. संपूर्ण कांवरिया पथ में विधि व्यवस्था संधारण हेतु 15 अस्थाई थानों का निर्माण किया गया है. जगह- जगह पर वाच टावर लगाये गये है और सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है. इसी के साथ जंगली एवं पहाड़ी इलाके में घुड़सवार से गस्ती करायी जा रही. सुरक्षा को लेकर 3000 पुलिस फोर्स को लगाया गया है।
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