Voice Of Bihar

खबर वही जो है सही

केंद्र और पंजाब सरकार को SC ने लगाई फटकार, कहा- पराली पर मीटिंग हुई… एक्शन नहीं

ByLuv Kush

अक्टूबर 3, 2024
Supreme COurt jpg

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में प्रदूषण के उपायों पर हुई बैठक में गंभीरता से बयान दिया। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए जो कमीशन, कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) बना है, उसने निर्देशों का पालन कराने में कोई खास प्रयास नहीं किया है। कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पराली जलाने की घटनाओं और इसके कारण बढ़ रहे प्रदूषण पर गहरी चिंता व्यक्त की। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि समस्या के समाधान की दिशा में कुछ भी नहीं हो रहा, सिर्फ बैठकें ही हो रही हैं।

अगली सुनवाई की तारीख
इस मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को निर्धारित की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, पंजाब सरकार और हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि न तो पंजाब और न ही हरियाणा की सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के निर्देशों का पालन कराने के लिए कोई ठोस कदम उठाए हैं। इस स्थिति को देखते हुए, कोर्ट ने सरकारों को प्रदूषण से निपटने के लिए प्रभावी कार्रवाई करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

CAQM की कार्यशैली पर सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने CAQM की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उसने आदेशों के कार्यान्वयन को लागू करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। यहां तक कि सुरक्षा और आदेशों के कार्यान्वयन की उपसमिति ने जून 2021 के आदेशों पर चर्चा तक नहीं की। कोर्ट ने बताया कि सितंबर के अंतिम 15 दिनों में पंजाब में पराली जलाने के 129 मामले सामने आए हैं, जबकि हरियाणा में इसी अवधि में 81 मामले दर्ज किए गए हैं।

बढ़ती पराली जलाने की घटनाएं
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि पंजाब और हरियाणा के कुछ जिलों में 2022 की तुलना में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं। कोर्ट ने यह चिंता जताई कि राज्यों ने केवल नाममात्र का जुर्माना वसूलने के अलावा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। इसके अतिरिक्त, नियमों का पालन न करने वालों पर मुकदमा चलाने के लिए CAQM द्वारा दिए गए निर्देशों की अनदेखी की जा रही है। जबकि पराली जलाने की समस्या को कम करने के लिए मशीनें उपलब्ध हैं, उनका उपयोग नहीं किया जा रहा है।

कोर्ट ने आयोग में नियुक्त विशेषज्ञ सदस्यों की क्षमता पर भी सवाल उठाए हैं, यह बताते हुए कि एक बैठक में 11 में से केवल 5 सदस्य ही उपस्थित थे। इस दौरान जून 2021 के आदेशों पर भी चर्चा नहीं की गई, जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों में गंभीर कमी है।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading