गोपालगंज जिले के सदर प्रखंड के जागिरी टोला स्थिति अहीर टोला गांव में रोज की तरह पढ़ने के लिए गांव के बच्चे स्कूल पहुंचे। लेकिन शिक्षक के नहीं पहुंचने के कारण छात्र छात्राओं के बीच मायूसी छा गई। जिसके बाद काफी देर तक शिक्षको के इंतजार देखकर छात्र छात्राएं अपने घर चले गए। ग्रामीणों ने जब शिक्षको के बारे में पता लगाया।
तब उन्हे यह जानकारी मिली की इस स्कूल को दो किलोमीटर दूर दूसरे स्कूल में स्थानांतरण कर दिया गया है और सभी शिक्षक उसी स्कूल में मौजूद है। अब बच्चे उतनी दूर तय कर पढ़ने नही जाना चाहते है और नही अभिभावक भी उन्हें जाने देना चाहते है। ऐसे में स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राएं शिक्षा से वंचित होते हुए नजर आ रहे है।
इस संदर्भ में बताया जाता है की दस वर्ष पूर्व गंडक नदी के कटाव के कारण कटघरवा और कमल राय के टोला गांव नदी में विलीन हों गया था। जिसके बाद गांव के लोग इधर उधर अपना शरण लेकर बस गए। वही दोनो गांव के स्कूल को जागीरी टोला अहीर टोला गांव स्थित सामुदायिक भवन शिफ्ट कर दिया गया था। जिसमे दोनो स्कूल के करीब दो सौ बच्चे शिक्षा ग्रहण करते थे। लेकिन आलम यह है की शिक्षा विभाग द्वारा जीतने भी भूमिहीन और भवन हीन स्कूल है। उसे पास के स्कूल में शिफ्ट करने का निर्देश दिया गया है।
प्राप्त आदेश के बाद इस स्कूल में कार्यरत शिक्षक दूसरे स्कूल में अपना योगदान दे दिए। वही इसको लेकर ग्रामीणों में नाराजगी है। इस संदर्भ में ग्रामीणों व बच्चो के अभिभावकों ने बताया पिछले दस वर्षो से यहां कुल चल रहा था। लेकिन अब यहां के शिक्षक दूसरे स्कूल में चले गए है। जो यहां से दो किलोमिटर दूर है।
छोटे छोटे बच्चे कैसे उतनी दूर पढ़ाई करने जा पाएंगे। अगर बीच में कोई अनहोनी हो जाए तो इसका जिम्मेवार कौन होगा। ग्रामीणों ने कहा की बाढ़ के समय में इस जगह पर बाढ़ भी नही आता है अगर बाढ़ का पानी चारो ओर बाहर जाए तो इतने बच्चो को कैसे दूसरे स्कूल में पढ़ने के लिए लेकर जा पाएंगे।
ग्रामीणों की मांग है की इस स्कूल के लिए हम लोगो ने जमीन भी दे दी है। जब तक स्कूल बन न ही जाता। तबतक बच्चो को इसी में पढ़ने दिया जाए। वही इस संदर्भ में शिक्षा विभाग के जिला प्रोग्राम ऑफिसर ने बताया की जिले में जितने स्कूल भूमिहीन और भवन हीन है जिनमे शौचालय और मूलभूत सुविधा नहीं। इस स्कूल को उसे दूसरे स्कूल में टैग किया गया था। विभाग द्वारा प्राप्त निर्देश के अनुसार हम लोगो ने उस विद्यालय को दूसरे जगह मर्ज किया गया है।