स्कूलों में पढ़ने वाले प्रत्येक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक और अहम पहल की है, जिसमें ग्रामीण व दूर-दराज क्षेत्रों में मौजूद सभी सरकारी स्कूल अब स्मार्ट क्लासरूम से लैस होंगे।
प्रत्येक सरकारी स्कूल को दिए जाएंगे तीन लाख रुपये
इसके लिए प्रत्येक सरकारी स्कूल को करीब तीन लाख रुपये की मदद दी जाएगी। इससे वह स्कूल की कम से कम दो कक्षाओं को स्मार्ट क्लासरूम में तब्दील कर सकेंगे। इसके साथ ही इन सभी स्कूलों को ऑनलाइन पढ़ाई से जुड़ी अध्ययन सामग्री भी मुहैया कराई जाएगी। इससे वह स्कूली बच्चों को अब उन सभी विषयों को भी बेहतर ढंग से पढ़ा सकेंगे, जिन्हें पढ़ाने के लिए अभी उनके पास शिक्षक नहीं है।
शिक्षा मंत्रालय ने बीएसएनएल के साथ किया है करार
इतना ही नहीं, शिक्षा मंत्रालय ने इस मुहिम का राह में खड़ी होने वाले इंटरनेट जैसी समस्याओं से निपटने के लिए बीएसएनएल के साथ भी एक करार किया है। जिसमें उन्हें ग्रामीण और दूर-दराज क्षेत्रों में मौजूदा सरकारी स्कूलों तक इंटरनेट की सुविधा मुहैया कराने को कहा है। वैसे भी ग्रामीण और दूर-दराज क्षेत्रों में स्मार्ट क्लास रूम जैसी सुविधाओं की राह में बड़ी अड़चन इंटरनेट और बिजली की उपलब्धता का न होना था।
देश में अभी कई स्कूल बिजली की पहुंच से दूर
इस बीच शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों से ऐसे स्कूलों की पहचान करने उनके प्रस्ताव भी मांगे है। साथ ही प्रत्येक सरकारी स्कूलों तक बिजली पहुंचाने के लिए भी कहा है। अभी भी कई राज्यों में बड़ी संख्या में स्कूल बिजली की पहुंच से दूर है। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक स्मार्ट क्लासरूम की सुविधा से लैस होते ही ग्रामीण और दूरदराज के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले उन बच्चों तक भी गुणवत्तापूर्ण अध्ययन सामग्री को पहुंचाया जा सकेगा।
इसके साथ ही उन्हें विषयों को भी आसानी से पढ़ाया जा सकेगा, जिन्हें पढ़ाने वाले शिक्षक इन स्कूलों में नहीं है। इससे जहां यह बच्चे भी देश के बाकी स्कूली बच्चों की करार में खड़ा हो सकेंगे। मौजूदा समय में शिक्षा के स्तर में बड़ा अंतर होने से शहरों में पढ़ने वाले बच्चों के मुकाबले ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में मौजूदा स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे पिछड़ जाते है। माना जा रहा है कि इस पहल से अब इस खाई को पाटा जा सकेगा।
स्मार्ट क्लासरूम के साथ ही शिक्षकों को भी मिलेगा प्रशिक्षण
सरकारी स्कूलों को स्मार्ट क्लासरूम लैस करने के साथ ही शिक्षा मंत्रालय ने इन स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को इसे लेकर प्रशिक्षित करने की भी तैयारी है। राज्यों से ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों के स्कूलों को चिन्हित करने और उन स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को ब्यौरा भी मांगा है। बता दें कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने यह पहल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) आने के बाद तेज की है।